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विस्तृत समाचार
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि देश की आजादी के लिए जिन रणबांकुरों ने अपने प्राणों की आहुति दी उनके बलिदान को हमें हमेशा याद रखना होगा।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि देश की आजादी के लिए जिन रणबांकुरों ने अपने प्राणों की आहुति दी उनके बलिदान को हमें हमेशा याद रखना होगा। सालम क्षेत्र के जैंती द्यामद्धों में आयोजित शहीद दिवस के अवसर पर उन्होने कहा कि इस क्षेत्र के रणबांकुरों ने कुलीबेगार प्रथा का अन्त और अंग्रेजी शासन में मालगुजारों के माध्यम से लिये जाने वाले कर की समाप्ति की भी अलख जगायी थी। सालम क्षेत्र में शि़क्षा की अलख जगाने का कार्य स्व0 राम सिंह धौनी ने प्रारम्भ किया था, उन्होनें इस क्षेत्र में विद्यालय, आश्रम, पुस्तकालय आदि की स्थापना की। उनके द्वारा जगायी जा रही अलख के फलस्वरूप इस क्षेत्र के पं0 दुर्गादत्त शास्त्री, रेवाधर पाण्डे, राम सिंह आजाद, प्रताप सिंह बोरा सहित अनेक आन्दोलनकारियों की फौज मंे मरचूराम, नरसिंह, टीका सिंह, भवान सिंह धानक, उत्तम सिंह, नैन सिंह बिष्ट, तारा दत्त पाण्डे एवं अनेक वीर शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि 09 अगस्त 1942 को गाँधी जी ने अंग्रेजों भारत छोडो का नारा देकर सत्याग्रह आरम्भ किया गया, जिसकी लपट सुदूरवर्ती क्षेत्र सालम में भी फैली और यहाँ के रणबांकुरों ने पूरे जोरशोर के साथ इस आन्दोलन की शुरूआत की। इस क्षेत्र में इस आन्दोलन को व्यापक सर्मथन मिला। अंग्रेज शासकों द्वारा इस आन्दोलन को दबाने की कोशिश की गई। अगस्त, 1942 को सालम के द्यामद्धो मे अंग्रेजी शासकों व सालम के वीर सपूतों के मध्य भयंकर संघर्ष हुआ, जिसमें नर सिंह धानक और टीका सिंह कन्याल शहीद हो गये, साथ ही राम सिंह आजाद, प्रताप सिंह बोरा, मरचूराम, उत्तम सिंह सहित अनेक आन्दोलनकारियों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को क्षेत्र एवं गाॅवों के इतिहास से रूबरू कराकर तथा देश की आजादी की याद दिलाकर गाॅव की ओर उनका जुड़ाव बनाना होगा। जिस क्षेत्र के लोग अपने नायको को भूल जाते है वह क्षेत्र आगे नहीं बढ़ पाता है इसलिए हमें इसको भी ध्यान रखकर उनके सम्मान को बनाये रखना होगा और खुशहाल उत्तराखण्ड की परिकल्पना को साकार करना होगा। मुख्यमंत्री ने स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी आश्रित श्रीमती सरस्वती देवी को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खिलती कलियाॅ योजना जब प्रारम्भ की थी तब यह संकल्प लिया था कि इससे अधिकाधिक लोगो को लाभ पहुॅचायेंगे आज 27 हजार से भी अधिक को इस योजना का लाभ पहुॅचाया जा चुका है। इसी तरह महिलाओं को स्वालम्बन की ओर आगे बढ़ाने के लिए दस्तकारी के काम के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है इसी उददेश्य से अल्मोड़ा में नन्दा देवी सेन्टर आॅफ एक्सलेंस की स्थापना की गयी है जहाॅ वर्तमान में 2 हजार महिलायें दस्तकारी का काम कर रही है। हमार संकल्प है कि इसे बढाकर 20 हजार किया जायेगा ताकि उत्तराखण्ड में हमारी अलग पहचान बन सके। प्रदेश में सौ से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह उद्यमिता से जुडी है, जिनमें अधिकांश इन्द्रा अम्मा कैण्टीन सहित अन्य कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं को आर्थिक स्वालम्बन की सीख हमें देनी होगी ताकि वे आर्थिक रूप से तरक्की कर सके। सभी सरकारी एवं अर्ध सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के साथ ही विषयों की स्वीकृति भी प्रदान की गई है, इसके लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड बनाया गया है, जो यह काम करेगा। नम्बर तक सभी विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 04 विभागों मंे महिलाओं की नियुक्ति को प्राथमिकता दी जायेगी इसके लिए उन विभागों में महिलाओं हेतु पद आरक्षित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये जनपद के दन्यां क्षेत्र में महिला महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति प्रदान की। साथ ही लमगड़ा क्षेत्र से जुड़े लोगो की परेशनी को देखते हुए लमगड़ा उप तहसील को पूर्ण तहसील का दर्जा देने की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जो महिलायें रिवर्स पलायन को बढ़ावा देने के लिए खेती का कार्य करेंगी, उन ग्रामों की महिलाओं को 20 हजार रू0 शौचालय बनाने के लिए पृथक से दिया जायेगा। प्रदेश की तरक्की के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी लोगो से सहयोग की अपील की और कहा कि 2020 तक सभी गाॅवों को सड़क से जोड़ने व पगडड़ियों से जोड़ने का काम किया जायेगा। जो भी घोषणायें अभी तक की जा चुकी है उनमें से 75 प्रतिशत घोषणायें पूर्ण कर दी जायेंगी और अभी तक के कार्यकालो में पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा जो घोषणायें की गयी है उससे डेढ़ गुना अधिक घोषणायें कर उन्हें पूर्ण करने का काम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अक्टूबर अन्त तक 30 हजार बेराजगारो को रोजगार देने का काम किया जायेगा, साथ ही मनरेगा के कार्य में जो महिलायें अधिकाधिक भागीदारी करेंगी, उन्हें प्रोत्साहित किया जायेगा। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से आगे आने की अपील करते हुए कहा कि उनके कार्य को प्रारम्भ करने के लिए सभी समूहों के खातों में पाॅच हजारपाॅच हजार रू0 जमा किये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने महिलाओं से दुग्ध व्यवसाय को अपनाने की अपील की और आश्वस्त किया कि यदि वे अच्छा कार्य करेंगी तो, उन्हें चीज बनाने की मशीन उपलब्ध करायी जायेगी। इस इस अवसर पर आयोजित बहुउददेशीय शिविर में वृद्वावस्था के 28, सामान्य जाति के 06, जन्म प्रमाण पत्र 02, विकलांग 01 के फार्म भरे गये और 07 शिकायतें प्राप्त हुई साथ ही 150 से अधिक श्रमिकों का पंजीकरण किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 15 विकलांग प्रमाण पत्र बनाये गये और 484 मरीज का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस अवसर पर अनेक सांस्कृतिक दलों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किये। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल ने कहा कि स्वतन्त्रता आन्दोलन में उत्तराखण्ड का विशेष योगदान रहा है उसमें भी अल्मोड़ा के सालम, सोमेश्वर, देघाट एवं सल्ट का विशेष योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि स्वतन्त्रंता संग्राम में जिन शहीदों ने शहादत दी उनकी शहादत को हमें व्यर्थ नहीं जाने देना होगा यही सच्ची श्रद्धांजली उन्हें होगी। इस अवसर पर उन्होंने अपने क्षेत्र की अनेक शिक्षण संस्थाओं एवं अन्य समस्याओं के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया। उन्होंने इस अवसर पर राजकीय इन्टर कालेज नाटाडोल, शहर फाटक, मौरनौला, ज्वाड़नैड़ी, दशौलाबडियार आदि विद्यालयों के चाहरदीवारी और कक्षा कक्ष व भवन बनाने हेतु धनराशि उपलब्ध कराने की माॅग की। इस कार्यक्रम में राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रशान्त भैसोड़ा, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पीताम्बर पाण्डे, अधीनस्थ चयन आयोग के सदस्य दीवान भैसोड़ा, दीवान, दीवान बोरा सहित अनेक लोगों ने अपने विचार रखे। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रशान्त भैसोड़ा ने बौद्विक सम्पदा आयोग बनाने का प्रस्ताव इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सम्मुख रखा।

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