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विस्तृत समाचार
आयुक्त उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग मा0 डी0एस0 गब्र्याल ने जन सामान्य को उपलब्ध करायी जा रही सेवाओं के विषय में पारदर्शित, समयबद्धता तथा जवाबदेही सुनिश्चित किये जाने पर बल दिया यह बात उन्होंने आज कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित एक कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुये कही।
आयुक्त उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग मा0 डी0एस0 गब्र्याल ने जन सामान्य को उपलब्ध करायी जा रही सेवाओं के विषय में पारदर्शित, समयबद्धता तथा जवाबदेही सुनिश्चित किये जाने पर बल दिया यह बात उन्होंने आज कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित एक कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुये कही। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सुधारों का आशय मूलतः नागरिकों को सुलभता एवं सरलता तथा बिना किसी भेदभाव के सेवायें उपलब्ध कराना है। विभिन्न अधिनियमों, जो हालफिलहाल में सरकारों द्वारा लागू किये गये हैं, का मूल उद्देश्य सुशासन को प्रबलता प्रदान करना है। जनता के प्रति जनपदीय प्रशासन को संवेदनशील एवं तत्पर रहना होता है। आयुक्त ने कहा कि चूँकि सुशासन के प्रति राज्य सरकार निरन्तर प्रयासरत है, अतः आयोग ने इन प्रयासों को प्रबल बनाने हेतु जिला स्तरीय आॅरिएन्टेशन कार्यशालायें प्रारम्भ की हैं। उन्होंने कहा कि उŸाराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग का गठन 2014 में करने के उपरान्त राज्य सरकार ने उŸाराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन की व्यवस्था राज्य में स्थापित की है। आयोग ने विभिन्न अधिसूचित सेवाओं यथा गौरा देवी कन्या धन योजना, जनश्री बीमा योजना, विनियमित क्षेत्र द्वारा मानचित्र स्वीकृति आदि से संबंधित मामलों के निस्तारण के दौरान उसके संज्ञान में आये बिन्दुओं को शासन को संदर्भित किया है और इसके साथसाथ अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु अपनी संस्तुतियाँ भी प्रेषित की हैं। आयोग द्वारा किये गये प्रयासों का प्रतिफल है कि राज्य सरकार ने अभी तक 18 विभागों की कुल 160 सेवाओं को अधिसूचित किया है। विभागों के सहयोगार्थ तथा उन्हें तकनीकी मार्गदर्शन एवं परामर्श प्रदान करने हेतु उŸाराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग को राज्य में उत्प्रेरक एवं सुगमकर्ता नामित किया गया है। आयोग ने नागरिकों की जागरूकता हेतु समयसमय पर विज्ञापन प्रकाशित कर उन्हें अधिसूचित सेवाओं को प्राप्त करने हेतु राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्था से अवगत कराया है। नागरिकों के उपयोगार्थ आयोग की वेबसाईट नतजेबण्नाण्हवअण्पद विकसित की गई है, जिसपर आॅनलाईन शिकायत, पुनरीक्षण एवं सुझाव दर्ज करने की व्यवस्था है। आवेदक अपनी शिकायत एवं पुनरीक्षण आवेदनों का ेजंजने देख सकते हैं। आयुक्त सेवा अधिकार ने ईडिस्ट्रिक मैनेंजर को निर्देश दिये कि वे सी0एस0सी0 सेन्टरों के साथ निरन्तर समन्वय बनाये रखंे। इसके अलावा समाज कल्याण भी अपने छात्रवृत्ति मामलों में पूर्ण सतर्कता बरतें और अभिलेखों को रजिस्ट्रर में अंकित करने की भी व्यवस्था बनाये।कार्यशाला में जिलाधिकारी रंजना ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी अपने अपने कार्यालयों में अधिनियम का बोर्ड लगा लें। कहा कि यदि आप जागरूक होंगे तो जनता लाभान्वित होगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सेवा का अधिकार अधिनियम की जानकारी लोगों तक पहुॅंचाने के लिए इसका अधिक से अधिक प्रचारप्रसार करें। उन्होंने आयुक्त को आष्वस्त करते हुए कहा कि अधिनियम का अक्षरशः अनुपालन किया जायेगा। कार्यक्रम में सचिव उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग पंकज नैथानी ने पावर पाइंट के माध्यम से विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए अपने विचार रखे और कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों से उनके सुझाव मांगे और आश्वस्त किया कि उनके सुझावों का संज्ञान लेते हुये वे इन सुझावों को शासन में सन्र्दभित करेंगे। उन्होंने कार्यशाला के माध्यम से पदाभिहित अधिकारियों को आवेदनों की प्राप्ति, उनके सापेक्ष जारी पावती, आवेदनों के निस्तारण, अस्वीकृत आवेदनों के कारणों को लिखित में आवेदक को अभिलिखित किये जाने आदि विषय तथा अपीलीय प्राधिकारियों को पदाभिहित अधिकारियों के कार्यालयों के निरीक्षण, उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करने, अपीलों का ससमय निस्तारण, प्रगति प्रतिवेदनों की समयबद्धता आदि विषयों से अवगत कराया गया। सहायक रजिस्ट्रार, उŸाराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग बी0पी0 नौटियाल ने अपने महत्वपूर्ण विचार रखे। कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार,मुख्य विकास अधिकारी एस.एस.एस. पांगती, उपजिलाधिकारी श्याम सिंह राणा,जिला समाज कल्याण अधिकारी एन0एस0 गस्याल,जिला पूर्ति अधिकारी जसवन्त सिंह कण्डारी,अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 जे0सी0 मण्डल,तहसीलदार काण्डा मैेनपाल सिंह,वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी गणेश दत्त भट्ट, सहित जनपद के विभिन्न पदाभिहित अधिकारियों एवं अपीलीय प्राधिकारियों एवं आयोग के वी0पी0 नौटियाल के द्वारा भी प्रतिभाग किया गया।

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