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वनभूमि हस्तान्तर के मामलों में तेजी लायें, ताकि स्वीकृत योजनाओं का लाभ जनता को समय से प्राप्त हो सके। |
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वनभूमि हस्तान्तर के मामलों में तेजी लायें, ताकि स्वीकृत योजनाओं का लाभ जनता को समय से प्राप्त हो सके। आपत्तियों को सम्बन्धित विभाग प्राथमिकता से निस्तारित करना सुनिष्चित करंें। यह निर्देष जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने आज कलेक्ट्रेट में आयोजित वन भूमि हस्तान्तरण की समीक्षा बैठक में दिये। उन्होंने वन विभाग को उनके स्तर से लगी आपत्तियों के निस्तारण हेतु समय से सम्बन्धित विभाग को वापस करने के निर्देष दिये ताकि विभागीय स्तर से आपत्तियों का निस्तारण किया जा सके। उन्होंने सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देषित करते हुए कहा कि वे स्वंय भी व्यक्तिगत तौर पर पहल कर नोडल में लम्बित मामलों को निपटाने का प्रयास करें इसमें किसी प्रकार कोताही न बरती जाय। उन्होंने वन निगम को जंगल में गिरे हुए पेडों के निस्तारण की कार्यवाही के निर्देष दिये। जिलाधिकारी द्वारा विभागवार वन भूमि हस्तान्तरण सम्बन्धी मामलों की समीक्षा की गयी। पी0एम0जी0एम0 विभाग की समीक्षा करते हुए बताया गया कि बागेष्वर डिविजन के 06 योजनाओं तथा कपकोट डिवीजन के 03 योजनाओं में सैद्धान्तिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है तथा बागेष्वर डिवीजन के 03 मामले व कपकोट के 08 मामले नोडल स्तर पर लम्बित है। बताया कि लोक निर्माण विभाग की समीक्षा करते हुए बताया गया कि बागेष्वर डिवीजन के 12 योजनाओं में सैद्धान्तिक, 11 नोडल स्तर पर लम्बित है व 01 में विधिवत स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, वहीं कपकोट डिवीजन के 15 योजनाओं में सैद्धान्तिक स्वीकृति तथा 04 योजनायें नोडल स्तर पर लम्बित है तथा आरडब्लूडी की 01 योजना जो नोडल स्तर पर लम्बित है। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को विधिवत स्वीकृति योजनाओं का कार्य प्रारम्भ करने के निर्देष दिये। बैठक में उपजिलाधिकारी काण्डा रिंकू बिश्ट, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 बी.के.सक्सेना, पुलिस उपाधीक्षक वीर सिंह, अधि0अभि0पी0एम0जी0एस0वाई0 राजेन्द्र प्रसाद, अधि0अभि0विद्युत भाश्कर पाण्डेय, अधि0अधि0नगरपालिका राजदेव जायसी, वन क्षेत्राधिकारी नारायण दत्त पाण्डेय, प्रभागीय लोगिन प्रबन्धक विजेद्र प्रसाद आदि मौजूद थे। |
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