मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ श्रीमद्भागवत कथा को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित किया
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअली श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ को संबोधित कियाहरिद्वार में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा श्रीमद्भागवत आंतरिक शांति, समाधान और आत्मसाक्षात्कार का मार्ग दिखाती है मुख्यमंत्री भारतीय संस्कृति, दर्शन और इतिहास के अध्ययन के लिए दून विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज’ की स्थापना हमारी सरकार उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और जनसांख्यिकी के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है सीएम धामी यूसीसी का कार्यान्वयन हमारी साहसिक उपलब्धि है मुख्यमंत्री भूमि, लव और थूक जिहाद जैसी घृणित मानसिकता के खिलाफ सख्त कार्रवाई राज्य में सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास से हरिद्वार के भीमगोड़ा में जगदीश स्वरूप विद्यानंद आश्रम ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा को वर्चुअली संबोधित किया। परम पूज्य जगद्गुरु आचार्य श्री गरीबदास जी महाराज, श्री ब्रह्मसागर जी महाराज भूरी वाले, परम पूज्य स्वामी श्री अमृतानंद जी महाराज, युवा संत स्वामी पूज्य श्री राम जी महाराज एवं कथा व्यास पूज्य श्री इंद्रेश उपाध्याय जी तथा भागवत कथा में उपस्थित सभी संतजनों एवं श्रद्धालुओं का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संत समागम एवं हरि कथा दोनों ही दुर्लभ हैं और दोनों ही सौभाग्य से ही प्राप्त होते हैं। श्रीमद्भागवत महापुराण कोई साधारण ग्रंथ नहीं है, बल्कि स्वयं श्री कृष्ण की दिव्य वाणी का मूर्त रूप है। इसमें भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और धर्म इन चारों पुरुषार्थों का उत्कृष्ट वर्णन मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के युग में जब भौतिकता की दौड़ में मनुष्य मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से अशांत है, ऐसे समय में श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण हमें आत्मिक शांति, समाधान एवं आत्मसाक्षात्कार का मार्ग दिखाता है। आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सनातन संस्कृति की ध्वजा पूरे विश्व में लहरा रही है। आज चाहे अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो, बद्रीनाथ और केदारनाथ धामों का पुनर्निर्माण हो, बाबा विश्वनाथ के कॉरिडोर का विस्तार हो या महाकाल लोक का निर्माण हो। हमारी धार्मिक विरासत का संरक्षण और पोषण हो रहा है, जिसका न भूतो न भविष्यति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में भी निरंतर कार्य कर रही है। जहाँ एक ओर हम केदारखंड और मानसखंड के मंदिर क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण के लिए अनेक कार्य कर रहे हैं। वहीं, हरिपुर कालसी में यमुना तीर्थ स्थल के पुनरुद्धार की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। हरिद्वार ऋषिकेश कॉरिडोर के साथ-साथ शारदा कॉरिडोर के निर्माण की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। भारतीय संस्कृति, दर्शन और इतिहास के गहन अध्ययन के लिए हमने दून विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज’ की स्थापना भी की है। हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और जनसांख्यिकी के संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य में भूमि जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घृणित मानसिकता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, इसके साथ ही हमने राज्य में एक सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून भी लागू किया है। समाज में व्याप्त असमानताओं को समाप्त करने और सभी के लिए समान अधिकार और न्याय सुनिश्चित करने के लिए, माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, हमने देश में पहली बार “समान नागरिक संहिता” कानून लागू करने का साहसिक कार्य भी किया है। हरिद्वार में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास पूज्य श्री इंद्रेश जी उपाध्याय, स्वामी श्री राम जी महाराज, स्वामी भूपेंद्र गिरि जी महाराज, स्वामी सतदेव जी महाराज, महामंडलेश्वर निर्मला बा जी, गुजरात, स्वामी ऋषेश्वरानंद जी महाराज, स्वामी हीरा योगी जी महाराज, आचार्य विशोकानंद जी महाराज, आचार्य रामचंद्र दास जी महाराज, योगी आशुतोष जी महाराज, प्रसिद्ध गायक बी. प्राक जी उपस्थित थे।