धामी ने एथलीटों को बढ़ावा दिया, खेल फले-फूले और फले-फूले
धामी एथलीटों को बढ़ावा देंगे, खेल फलेंगे-फूलेंगे आठ शहरों में 23 खेल अकादमियों और एक खेल विश्वविद्यालय का निर्माण तेजी से चल रहा है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने कार्यकाल के पांचवें वर्ष में खेलों और एथलीटों के विकास के लिए न केवल एक बल्कि दो बड़ी पहलों की सौगात देने के लिए तैयार हैं। पहली है हल्द्वानी में एक खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, जिसका खेल दिवस पर शिलान्यास करने की तैयारी चल रही है। दूसरा राज्य भर में 23 खेल अकादमियों का उद्घाटन है। ये अकादमियां देहरादून, हरिद्वार और हल्द्वानी सहित आठ शहरों में स्थापित की जाएंगी, जहां राष्ट्रीय खेलों के दौरान खेल गतिविधियां आयोजित की गई थीं और बुनियादी ढांचे का विकास किया गया था। इन पहलों से दो प्रमुख लाभ होने की उम्मीद है 1. पहले से बनाए गए खेल बुनियादी ढांचे का बेहतर रखरखाव। 2. एथलीटों के प्रशिक्षण के लिए एक मजबूत मंच। मुख्यमंत्री धामी के कार्यकाल के चौथे वर्ष में सीएम धामी अपने पांचवें वर्ष में इस सकारात्मक गति को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। चाहे वह हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय का निर्माण हो या आठ शहरों में 23 खेल अकादमियों का उद्घाटन, दोनों परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। विश्वविद्यालय के लिए अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है, और सरकार दोनों प्रमुख परियोजनाओं को लागू करने के लिए तेजी से काम कर रही है। ⸻ दो बड़े कदम जिन्होंने गौरव दिलाया 01 – 38वें राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में, अपनी धरती पर 38वें राष्ट्रीय खेलों की सफल मेजबानी धामी सरकार की सबसे बड़ी खेल उपलब्धियों में से एक थी। यह एक भव्य आयोजन था, और उत्तराखंड के एथलीटों ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। गोवा में आयोजित पिछले राष्ट्रीय खेलों में, राज्य ने केवल 24 पदक जीते थे। इस बार, इसने पदकों का शतक बनाया और पदक तालिका में 7वां स्थान हासिल किया। 02 – नई खेल नीति 2021 में घोषित नई खेल नीति में एथलीटों को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें ओलंपिक पदक विजेताओं के लिए ₹1 करोड़ से ₹2 करोड़ तक की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है। अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले एथलीटों को सरकारी नौकरी दी जा रही है। प्रोत्साहन राशि दोगुनी कर दी गई है और छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है। इस नीति की एक अनूठी विशेषता यह है कि बड़े टूर्नामेंटों में भाग लेने पर भी एथलीट प्रोत्साहन राशि का पात्र बन जाता है—चाहे वह पदक जीते या नहीं। ⸻ “यह बहुत गर्व की बात है कि उत्तराखंड अब खेलों की भूमि के रूप में पहचाना जाने लगा है। राष्ट्रीय खेलों की शानदार मेजबानी के बाद, राज्य में एक सकारात्मक खेल वातावरण विकसित हुआ है। एथलीटों का मनोबल ऊँचा है और वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार खेलों के विकास के लिए बड़े फैसले लेती रहेगी और उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करेगी।” — पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री