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    उत्तरांचल प्रेस प्रतिनिधि मान्यता नियम-2001

    संक्षिप्त नाम एवं आरम्भ

    1. यह नियमावली उत्तरांचल प्रेस प्रतिनिधि मान्यता नियमावली 2001 के नाम से जानी जायेगी।
    2. यह नियमावली तत्काल प्रभाव से लागू होंगी।

    परिभाषाएँ

    विषय और सन्दर्भ से यदि अन्य अर्थ न निकलता हो तो निम्नलिखित शब्दों का अर्थ वही है जो उनके सामने दिया जा रहा है

    1. ‘‘सरकार’’ का अर्थ है उत्तरांचल सरकार।
    2. ‘‘निदेशक’’ का अर्थ है निदेशक सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग उत्तरांचल।
    3. ‘‘पत्र-प्रतिनिधि का अर्थ है संवाददाता तथा फोटोग्राफर जो किसी समाचार पत्र, समाचार एजेन्सी, ब्राडकास्टिंग कम्पनी अथवा इलैक्ट्रानिक माध्यम व साइबर मीडिया का प्रतिनिधित्व करता हो।
    4. ‘‘राज्य प्रेस मान्यता समिति’’ जिसके लिए आगे समिति का प्रयोग किया गया है, का अर्थ है एक ऐसी समिति जिसका गठन सरकार ने राज्य में कार्य करने वाले पत्र प्रतिनिधियों को मान्यता देने के प्रश्न पर सलाह के लिए किया है।
    5. ‘‘सम्पादक का अर्थ है वह व्यक्ति जो प्रेस एवं पुस्तक रजिस्ट्रेशन अधिनिम 1867 के अन्तर्गत घोषित संपादक हो।
    6. ‘‘समाचार पत्र का अर्थ है सावधिक पत्र जिसमें समाचार और उस पर टिप्पणियाँ प्रकाशित होती हैं।

    प्रेस मान्यता समिति – प्रेस मान्यता समिति का गठन शासन द्वारा किया जायेगा। समिति में कम से कम 5 सदस्य व अधिकतम 11 सदस्य होंगे तथा सामान्यतः समिति का कार्यकाल दो वर्ष का होगा। यदि शासन चाहे तो समिति कभी भी भंग की जा सकती है।

    समिति के अध्यक्ष एवं संयोजक – समिति अपने अध्यक्ष का चुनाव स्वयं करेगी। निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि समिति के पदेन संयोजक होंगे।

    समिति की बैठकें – आवश्यकता के अनुसार समिति की बैठकें होंगी, लेकिन बैठक तीन महीने में अवश्य बुलाई जायेगी।

    बैठकों के लिए कोरम – बैठक के लिए कम से कम तीन सदस्यों का कोरम होगा।

    बैठक का नोटिस – समिति की सामान्य बैठक के लिए सामान्यतः – 10 दिन की नोटिस दी जायेगी। आकस्मिक बैठक 48 घंटे के नोटिस देकर भी बुलाई जा सकती है।

    समिति द्वारा मान्यता पर विचार – नोटिस के साथ समिति के सदस्यों में मान्यता चाहने वाले प्रतिनिधियों और सम्बन्धित संस्थाओं के नामों की सूची आवश्यक विवरण सहित वितरित की जायेगी। समिति उन आवेदन पत्रों पर भी विचार कर सकती है, जिनकी सूचना बैठक के पूर्व नहीं दी जा सकी।

    मान्यता के लिए संस्तुति – समिति मान्यता के लिए प्राप्त सभी आवेदनों पर विचारोपरान्त अपनी संस्तुति निदेशक सूचना को अन्तिम निर्णय हेतु प्रस्तुत करेगी।

    शासन के मुख्यालय में मान्यता के नियम

    मान्यता के लिए आवेदन पत्र

    1. मान्यता प्रदान करने के लिए समाचार पत्र का सम्पादक या विशेष परिस्थितियों में समाचार संपादक, प्रेस एजेन्सी का सम्पादक अथवा
      मैनेजर किसी समाचार पत्र, समाचार एजेन्सी, फीचर एजेन्सी, समाचार फोटो एजेन्सी, ब्राडकास्टिंग संस्थान अथवा इलेक्टानिक मीडिया और साइबर मीडिया का प्रतिनिधित्व करने वाला प्रतिनिधि, फोटोग्राफर अपने प्रधान के द्वारा, अधिशासी निदेशक को निर्धारित फार्म (परिशिष्ट-1) में आवदेन देगा। प्रत्येक आवदेन पत्र के साथ पत्र प्रतिनिधि का पासपोर्ट आकार का फोटो भी भेजा जाना चाहिए। अधिशासी निदेशक उचित सलाह के लिए, आवेदन पत्र समिति को विचारार्थ प्रस्तुत करेंगे। यदि समिति किसी आवेदक को मान्यता न देने का निर्णय करती है तो उस दशा में ऐसे निर्णय की सूचना आवदेक को तथा सम्बन्धित समाचार माध्यम/संगठन को दी जायेगी।

    (a)समाचार संगठनों के संपादकों को विशेष परिस्थिति में मान्यता दी जा सकती है यदि मान्यता समिति सन्तुष्ट है कि आवेदनकर्ता सचमुच सामयिक मामलों को कवर कर रहा है तथा उस मान्यता की आवश्यकता है। मुख्यालय से प्रकाशित दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को उसी स्थिति में मुख्यालय पर मान्यता दी जा सकती है जब उसका मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त कोई प्रतिनिधि न हो।

    (ख) साप्ताहिक या अन्य सावधिक समाचार पत्रों के प्रतिनिधि को, विशेष परिस्थितियों में ही मान्यता दी जायेगी।

    मान्यता का अर्थ

    मान्यता प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित शर्ते पूरी करनी होंगी

    1. पत्र प्रतिनिधि का निवास मान्यता की अवधि में मुख्याल में होगा।
    2. उसे श्रमजीवी पत्रकार एवं सेवा शर्ते तथा अन्य विविध प्राविधान अधिनियम, 1955के अनुसार श्रमजीवी-पत्रकार होना चाहिए तथा पत्र प्रतिनिधि के रूप में उसकी नियुक्ति पूर्णकालिक होनी चाहिए तथा वेतन मण्डल के रेगुलेशन के अनुसार उसे वेतन मिल रहा हो। उसे पूर्णकालिक पत्रकार के रूप में पत्रकारिता का कम से कम पाच वर्ष का अनुभव होना चाहिए। मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि को व्यवस्थापक से प्राविडेन्ट फण्ड की संख्या व प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना होगा।
    3. यदि आवेदनकर्ता किसी समाचार-पत्र का प्रतिनिधि है तो मान्यता प्रदान करने से पूर्व पत्र की निम्नांकित बातों पर विचार किया जायेगा-
    4. समाचार पत्र का स्तर और प्रकार
    5. पत्र के प्रकाशन की अवधि और नियमितता
    6. राज्य में उसकी ग्राहक संख्या और उसकी प्रतिष्ठा
    7. रजिस्टार न्यूज पेपर्स द्वारा प्रमाणित न्यूनतम ग्राहक संख्या दैनिक पत्र के लिए राज्य में कम से कम 10,000 होनी चाहिए।
    8. शासन के मुख्यालय पर मान्यता चाहने वाले पत्र-प्रतिनिधि के पास अपने से संबंधित समाचार-पत्र की समाचार प्रेषण हेतु टेलीग्राफिक
      एथारिटी अथवा प्रीपेड ट़्रंकॉल फैसिलटी का प्रमाण पत्र होना चाहिए, यदि पत्र का प्रकाशन राज्य मुख्यालय से न होता हो।
    9. समाचार पत्र या समाचार एजेन्सी के प्रतिनिधि को श्रमजीवी पत्रकारों के वेतन मण्डल की सिफारिश तथा भारत सरकार के श्रम मंत्रालय की संबंधित अधिसूचना के अनुसार उनके समाचार पत्र अथवा समाचार एजेन्सी की श्रेणी के लिए निर्धारित वेतन आहरित करना चाहिए। व्यवस्थापक इस विषय में प्रतिनिधि के बारे में सूचित करे कि प्राविडेन्ट फण्ड कटता है कि नहीं तथा आशय का प्रमाण संख्या के साथ देंगे।
    10. समाचार, फीचर अथवा फोटो एजेन्सी से सम्बद्ध प्रतिनिधि को मान्यता प्रदान करने के लिए निम्नांकित बातों पर विचार किया जायेगा-
    11. एजेन्सी के प्रकार
    12. उसका कार्यकाल
    13. वितरण प्रणाली
    14. प्रेस फोटोग्राफरों को मान्यता प्रदान करने से पूर्व निम्नलिखित बातों पर विचार किया जायेगा-
    15. संबंधित समाचार पत्र का स्तर।
    16. उसे प्रेस फोटोग्राफर होना चाहिए।
    17. शेष प्रमाण पत्र उपर्युक्त की भांति प्रस्तुत करने होंगे।
    18. स्वतंत्र पत्रकार: समिति ऐसे पत्रकार को भी मान्यता प्रदान कर सकती है, जो किसी विशेष समाचार माध्यम/संगठन से सम्बद्ध न हो लेकिन प्रतिबन्ध यह है कि उसे पूर्णकालिक पत्रकार के रूप में कम से कम 20वर्ष का अनुभव होना चाहिए और नियमित रूप से किन्हीं दो प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त पत्र-पत्रिकाओं में लेख छपते रहने चाहिए और पत्रकारिता के माध्यम से उसकी सिद्ध वार्षिक आय 12,000 रूपये से कम न हो।
    19. मान्यता से कोई सरकारी या विशेष दर्जा प्राप्त नहीं होगा परन्तु जनहित में व्यवसायिक पत्रकारिता के कार्य के निष्पादन हेतु पत्रकारों की पहचान के लिए मान्यता दी जाती है।
    20. मान्यता का उपयोग केवल समाचार संकलन हेतु ही है अन्य किसी कार्य के लिए नहीं।

    मान्यता के लिए संवाददाताओं की संख्या – स्थानीय समाचार पत्र अथवा श्रृंखलाबद्ध समाचार पत्र हेतु केवल एक प्रतिनिधि को मान्यता दी जायेगी। विशेष परिस्थितियों में एक से अधिक मान्यता इस शर्त पर प्रदान की जा सकती है कि समारोह में वे अपने एक ही प्रतिनिधि के लिए सुविधा चाहेंगे।

    मान्यता का प्रभाव – मान्यता देकर पत्र प्रतिनिधि का कोई सरकारी स्तर निर्धारित नहीं किया जाता है। सरकार पत्र-प्रतिनिधि को केवल संबंधित समाचार पत्र अथवा प्रेस एजेन्सी के प्रतिनिधि के रूप में मान्यता प्रदान करती है। अत: उसे अपने ‘‘विजिटिंग कार्ड’’ और ‘‘लेटर हेड’’ पर ‘‘उत्तरांचल सरकार से मान्यता प्राप्त’’ आदि विवरण प्रकाशित नहीं कराना चाहिए।

    मान्यता व्यक्तिगत – मान्यता व्यक्ति विशेष को प्रदान की जाती है अत: उसे हस्तान्तरित नहीं किया जा सकता ।

    प्रेस प्रतिनिधिओं के लिए पास – मान्यता प्राप्त प्रतिनिधियों को एक प्रेस कार्ड दिया जायेगा, जिस पर प्रेस प्रतिनिधि का पासपोर्ट आकार का चित्र रहेगा। मान्यता कार्ड का उपयोग सामान्यत: सरकार अथवा किसी अधिकृत सरकारी अधिकारी कार्यालयों में प्रवेश के लिए किया जायेगा । इस कार्ड से उन विशेष आयोजनों में प्रवेश नहीं किया जा सकेगा जिनमें प्रवेश के लिए विशेष निमन्त्रण पत्र अथवा सुरक्षा पास ( सिक्योरिटी पास ) जारी किये जाते हैं।

    मान्यता प्राप्त प्रेस प्रतिनिधियों की सूची – निदेशक के कार्यालय में मान्यता प्राप्त प्रतिनिधियों की सूची रखी जाएगी।

    मान्यता प्राप्त प्रेस प्रतिनिधियों की सूची – निदेशक के कार्यालय में मान्यता प्राप्त प्रतिनिधियों की एक सूची रहेगी ।

    मान्यता प्राप्त प्रेस प्रतिनिधियों की सूची का पुनरीक्षक – मान्यता प्राप्त प्रेस प्रतिनिधियों की सूची का समिति समय – समय पर पुनरीक्षण करेंगी । पुनरीक्षण सामान्त छ: महीने में एक बार किया जायेगा ।

    मान्यता का वापस लिया जाना , निम्नलिखित परिस्थितियों में मान्यता वापस ली जा सकती है|

    1. यदि कोई मान्यता प्राप्त-प्रतिनिधि उपलब्ध सूचनाओं और सुविधाओं का उपयोग पत्रकारिता के अतिरिक्त विज्ञापन अथवा अन्य कार्यो के लिए
      करता है ।
    2. मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि के गैर पत्रकारिता गतिविधियों में रत होने या अशोभनीय आचरण करने की दशा में मान्यता निलम्बित या वापस ली जा सकती हैं ।
    3. यदि मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि अपने अथवा अपने संगठन के बारे में झूठी सूचना देते पाया जाता है और यदि उसे अपने बचाव का उचित अवसर देने के बाद समिति को यह संतोष हो जाता है कि आरोप सही है तो मान्यता निलम्बित या वापस ली जा सकती है ।
      • उपरोक्त आधार पर मान्यता समाप्त करने से पूर्व संबंधित पत्र-प्रतिनिधि को कारण बताओं नोटिस दिया जायेगा और उससे प्राप्त उत्तर या एक निर्दिष्ट अवधि में उत्तर प्राप्त न होने पर मामले के अन्य उपलब्ध तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अन्तिम निर्णय लिया जायेगा ।
      • पत्र प्रतिनिधि यदि समिति के समक्ष व्यक्तिगत रूप से अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहे तो आवश्यकतानुसार उसे इसका अवसर दिया जायेगा ।मान्यता का पुनर्मूल्यांकन – यदि परिस्थितियाँ बदलती हैं, जिसके कारण पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता होती है, तो समिति अपने विवेक से नई स्थिति के आधार पर निर्णय लेगी। समिति व्यक्ति, समाचार पत्र या एजेंसी से जानकारी मांग सकती है। समिति जिला अधिकारियों और ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन से सर्कुलेशन डेटा का सत्यापन भी कर सकती है।

    मान्यता का पुनरीक्षण

    1. पत्र प्रतिनिधियों को जिन परिस्थितियों में मान्यता दी गयी है उनमें यदि कोई भी परिवर्तन आ जाये जिनके आधार पर मान्यता पुनरीक्षण आवश्यक हो जाए तो सामान्य पुनरीक्षण के समय अथवा किसी भी समय संबंधित पत्र प्रतिनिधि की मान्यता के विषय में समिति अपने विवेक का प्रयोग करते हुए निश्चिय करेगी ।
    2. समिति को पुनरीक्षण के लिए संबंधित पत्र प्रतिनिधि / समाचार पत्र / समाचार समिति से कोई भी सूचना प्राप्त करने का अधिकार होगा। निर्धारित अवधि के भीतर सूचना न प्राप्त होने पर संबंधित पत्र- प्रतिनिधि की मान्यता समाप्त की जा सकती है ।

    मान्यता की समाप्ति

    1. समाचार पत्र आदि छोड़ने पर मान्यता की समाप्ति यदि कोई मान्यता प्राप्त पत्र-प्रतिनिधि अथवा फोटोग्राफर संबंधित समाचार-पत्र, समाचार एजेन्सी, फोटो एजेन्सी, ब्रॉडकास्टिंग संस्थान अथवा टेलीविजन का प्रतिनिधित्व छोड़ता है तो पत्र प्रतिनिधि, संपादक अथवा एजेन्सी या ब्यूरो के मैनेजर द्वारा इसकी लिखित सूचना अविलम्ब अधिशासी निदेशक को दी जानी चाहिए । इस स्थिति में मान्यता स्वत: ही समाप्त मानी जायेगी ।
    2. किसी समाचार पत्र का प्रकाशन बन्द होने या संवाद समिति बन्द होने पर उसके प्रतिनिधि को शासन द्वारा प्रदत्त मान्यता स्वत: रद्द हो जायेगी।

    मुख्यालय में लगातार अनुपस्थिति – यदि मान्यता प्राप्त पत्र प्रतिनिधि मुख्यालय से लगातार तीन महीने तक बाहर रहता है तो उसकी मान्यता अधिशासी निदेशक द्वारा अध्यक्ष की अनुशंसा से समाप्त की जा सकती है परन्तु वह कार्यवाही संबंधित समाचार – पत्र, समाचार एजेंसी के सम्पादक. मैनेजर जैसी स्थिति हो, से पूछकर ही की जायेगी | वह अवधि संबंधित संपादक और मैनेजर के लिखित अनुरोध पर तीन मास और बढ़ाई जा सकती है |

    निर्णय के विरूद्ध प्रत्यावेदन समाचार पत्र एजेन्सी और पत्र प्रतिनिधि इन नियमों के अर्न्तगत लिए गये किसी भी निर्णय के विरूद्ध शासन को प्रत्यावेदन, संबंधित समाचार-पत्र, एजेन्सी अथवा पत्र प्रतिनिधि को निर्णय प्राप्त होने के दो मास के भीतर शासन के पास पहॅुंचा देना चाहिए संबंधित व्यक्ति या संगठन को स्पष्टीकरण का पूरा अवसर देने के पश्चात समिति के परामर्श से शासन जो निर्णय लेगा वह अन्तिम माना जायेगा ।

    समीक्षा एवं पुनर्विचार समीक्षा के लिए वितरण संख्या राजस्व आदि के बारे में सूचना मांगी जा सकती है तथा माध्यम प्रतिनिधि से प्रकाशित समाचारों अथवा चित्रों या संबंधित समाचार-माध्यम, संगठनों को ‘‘डोपसीट’’ उपलब्ध कराने के लिए कहा जा सकता है ।

    जिला मुख्यालय तथा जिले के आमुख स्थानों में मान्यता के नियम

    विस्तार :- यह नियम राज्य के समाचार-पत्रों अथवा समाचार एजेन्सियों के जिला मुख्यालयों अथवा प्रमुख स्थानों में स्थित पत्र प्रतिनिधि के लिए लागू होंगे।

    आवेदन :- समाचार-पत्र अथवा समाचार एजेन्सी का सम्पादक या पत्र- प्रतिनिधि जिले में मान्यता के लिए प्रस्तावित पत्र-प्रतिनिधियों के नाम निर्धारित फार्म ( परिशिष्ट-2 ) पर पासपोर्ट आकार की फोटो सहित अधिशासी निदेशक को भेजेंगे। अधिशासी निदेशक पत्र-पत्रिकाओं की सूची अपनी टिप्पणी और जिलाधिकारियों से उपलब्ध सूचनाओं को मान्यता समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। सम्पादक जिला पत्र-प्रतिनिधियों की सूची के साथ उनके पत्रकारिता संबंधी अनुभव आदि का उल्लेख करेंगे। मान्यता पत्र अधिशासी अधिकारी जारी करेंगे। यदि समिति किसी आवेदक को मान्यता न देने का निर्णय करती है तो उस दशा में ऐसे निर्णय की सूचना आवेदक को तथा संबंधित समाचार माध्यम/संगठन को दी जायेगी।

    शर्तें :- जिला मुख्यालय में मान्यता प्राप्त करने के लिए समाचार पत्र अथवा समाचार एजेन्सी के पत्र-प्रतिनिधियों के लिए निम्नलिखित बातें जरूरी हैं-

    1. सामान्यत: मान्यता प्राप्ति के समय पत्र प्रतिनिधि का निवास जिले में ही होना चाहिए।
    2. उसे सक्रिय पत्रकार होना चाहिए।
    3. सरकारी कार्यालयों, स्थानीय निकायों और अर्ध सरकारी प्रतिष्ठानों तथा सरकार द्वारा संचालित वित्त निगमों का उसे कर्मचारी नहीं होना चाहिए |
    4. समिति जिला मुख्यालय में ऐसे आवेदक को भी मान्यता प्रदान कर सकती है जो किसी विशेष समाचार माध्यम, संगठन से सम्बंध न हो लेकिन प्रतिबन्ध होगा कि पूर्णकालिक पत्रकार के रूप में कम से कम 20 वर्ष का अनुभव हो तथा नियमित रूप से 2 प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त पत्र / पत्रिकाओं में लेख छपते हों और पत्रकारिता से सिद्ध वार्षिक आय रू० 6,000 से कम न हो |

    विचारणीय बिन्दु :- समाचार एजेन्सियों के प्रतिनिधियों को मान्यता प्रदान करने के लिए निम्नलिखित बातों पर विचार किया जायेगा-

    1. वितरण-प्रणाली और सेवाएं तथा
    2. न्यूनतम दस समाचार पत्रों का उल्लेख, जिन्हें सशुल्क समाचार भेजे जाते हैं।

    प्रकाशन संबंधी बिन्दुओं पर विचार :- समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों को मान्यता प्रदान करने के लिए निम्नलिखित बातों पर विचार किया जायेगा

    1. प्रकाशन की अवधि और नियमितता।
    2. वेतन मण्डल के अनुसार समाचार पत्र की श्रेणी और उसकी ग्राहक संख्या मान्यता देने के लिए दैनिक पत्र की प्रमाणिक ग्राहक संख्या मैदानी क्षेत्र हेतु 2000 एवं पर्वतीय क्षेत्र हेतु 1000 तथा साप्ताहिक पत्र की ग्राहक संख्या मैदानी क्षेत्र हेतु 1000 तथा पर्वतीय क्षेत्र हेतु 500 होनी चाहिए। प्रमाण पत्र रजिस्टार न्यूजपेपर्स का होना चाहिए। नियमितता कम से कम 80 प्रतिशत प्रकाशन पर मानी जायेगी।

    प्रदेश में 2000 तक प्रसार वाले दैनिक समाचार पत्रों के सम्पादक को मान्यता दिये जाने पर विचार किया जा सकता है। साप्ताहिक पत्र के संपादक को यदि वह नियमानुसार अन्य शते पूरी करता है, तो उसे भी मान्यता देने के प्रश्न पर विचार किया जा सकता है।

    प्रदेश के बाहर प्रकाशित दैनिक पत्रों के संबंध में

    1. प्रदेश के बाहर प्रकाशित दैनिक पत्र जिनकी प्रसार संख्या कमसे कम 1 लाख हो, को नियम-11 की पूर्ति करने वाले प्रतिनिधियों को राज्य मुख्यालय में ही मान्यता दी जा सकती है। विशेष परिस्थितियों में सम्पादक द्वारा औचित्य बताने पर अन्य स्थान पर मान्यता दी जा सकती है। प्रमाण-पत्र रजिस्टार न्यूजपेपर्स का होना चाहिए।
    2. प्रदेश में प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र जिसकी प्रसार 5,000 से अधिक 10,000 तक हो, उनके एक 25,000 तक दो 25,000 से ऊपर तीन प्रतिनिधियों को उनके प्रकाशन के जिले में मान्यता दी जायेगी तथा इससे अधिक होने पर अधिकतम चार प्रतिनिधियों को उसके प्रकाशन के जिले में मान्यता दी जायेगी तथा केवल एक प्रतिनिधि को जिला मुख्यालयों पर ही मान्यता दी जायेगी। प्रमाण-पत्र रजिस्टार, न्यूजपेपर्स तथा ऑडिटब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन होना चाहिए।
    3. प्रदेश के अन्य दैनिक समाचार पत्रों, जिनकी प्रसार संख्या 2000 तक हो उसके एक-एक प्रतिनिधि को केवल उनसे सम्बन्धित मंडल के जिलों में मान्यता दी जा सकती है। प्रमाण पत्र रजिस्टार, न्यूज पेपर्स तथा ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन का होना चाहिए।
    4. प्रदेश के ऐसे साप्ताहिक पत्र जिनकी प्रसार संख्या 1000 से अधिक हो, के एक प्रतिनिधि को मंडलों के मुख्यालयों में ही मान्यता दी जा सकती है। प्रमाण-पत्र रजिस्टार, न्यूज पेपर्स तथा ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन का होना चाहिए।
    5. 1000 से कम प्रसार वाले प्रदेश के साप्ताहिक पत्रों के एक प्रतिनिधि को पत्र के प्रकाशन के जिले के मुख्यालय में तथा सम्बन्धित मंडल के मुख्यालय में मान्यता दी जा सकती है। प्रमाण-पत्र रजिस्टार, न्यूजपेपर्स तथा ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन का होना चाहिए।
    6. दैनिक पत्रों के फोटोग्राफरों के प्रार्थना पत्र पर भी विचार किया जा सकता है।

    जिलों में मान्यता के वापस लिये जाने की परिस्थितिया-

    निम्नलिखित परिस्थितियों में मान्यता वापस ली जा सकती है।

    1. i. यदि कोई पत्र प्रतिनिधि उपलब्ध सूचनाओं और सुविधाओं का उपयोग पत्रकारिता के अतिरिक्त विज्ञापन अथवा अन्य कायो के लिए करता है।
      ii.मान्यता प्राप्त प्रतिनिधियों के गैर पत्रकारिता की गतिविधियों में रत होने या अशोभनीय आचरण करने की दशा में मान्यता निलम्बित या वापस ली जा सकती है।
      iii. यदि मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि अपने अथवा अपने संगठन के बारे में झूठी सूचना देते पाया जाता है और यदि उसे अपने बचाव का उचित अवसर देने के बाद समिति को यह संतोष हो जाता है कि आरोप सही है तो मान्यता निलम्बित या वापस ली जा सकती है।
    2. उपर्युक्त आधार पर मान्यता समाप्त करने से पूर्व संबंधित पत्र प्रतिनिधि को कारण बताओ नोटिस दिया जायेगा और उससे प्राप्त उत्तर या एक निर्दिष्ट अवधि में उत्तर प्राप्त न होने पर मामले के अन्य उपलब्ध तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अन्तिम निर्णय लिया जायेगा।
    3. पत्र प्रतिनिधि यदि समिति के समक्ष व्यक्तिगत रूप से अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहे तो आवश्यकतानुसार उसे इसका अवसर दिया जायेगा-

    परिस्थितियों में परिवर्तन होने पर-

    1. पत्र-प्रतिनिधि को जिन परिस्थितियों में मान्यता दी गयी है उनमें यदि कोई भी परिवर्तन आ जाए जिनके आधार पर मान्यता का पुनरीक्षण आवश्यक हो जाए तो सामान्य पुनर्रीक्षण के समय अथवा किसी भी समय संबंधित पत्र प्रतिनिधि को मान्यता के विषय में समिति अपने विवेक का प्रयोग करते हुए निश्चिय करेगी।
    2. समिति के पुनरीक्षण के लिए संबंधित पत्र-प्रतिनिधि, समाचार पत्र/ समाचार समिति से कोई भी सूचना प्राप्त करने का अधिकार होगा।
    3. समिति को अधिकार होगा कि वह समाचार पत्र की प्रसार संख्या की जांच जिला अधिकारी के तथा ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन के सहयोग से कर सकती है।

    समाचार पत्र आदि छोड़ने पर मान्यता की समाप्ति :- यदि कोई मान्यताप्राप्त पत्र प्रतिनिधि अथवा फोटोग्राफर संबंधित समाचार पत्र, समाचार एजेन्सी, फीचर एजेन्सी, फोटो एजेन्सी, ब्राडकास्टिंग संस्थान अथवा टेलीविजन का प्रतिनिधित्व छोड़ता है तो अधिशासी निदेशक को प्रतिनिधि / संपादक अथवा मैनेजर द्वारा लिखित सूचना प्राप्त होते ही संबंधित की मान्यता स्वयंमेव समाप्त हो जायेगी। समिति की संसतुति पर अधिशासी निदेशक उक्त व्यक्ति की मान्यता समाप्त कर सकते हैं।

    प्रत्यावेदन :- समाचार पत्र, एजेन्सी और पत्र प्रतिनिधि इन नियमों के अन्तर्गत लिए गये किसी भी निर्णय के विरूद्ध शासन को प्रत्यावेदन कर सकते हैं। प्रत्यावेदन संबंधित समाचार पत्र, एजेन्सी अथवा पत्र प्रतिनिधि को निर्णय प्राप्त होने के दो मास के भीतर शासन को प्रस्तुत कर देना चाहिए। संबंधित व्यक्ति या संगठन को स्पष्टीकरण का पूरा अवसर देने के पश्चात समिति के परामर्श से शासन द्वारा किया गया निर्णय अन्तिम माना जायेगा।

    प्रतिनिधियों की सूची का पुनरीक्षण :- सामान्यतया मान्यता प्राप्त प्रतिनिधियों की सूची का पुनरीक्षण समिति द्वारा समय – समय पर किया जाता रहेगा। इस हेतु एक स्थाई सूची अधिशासी निदेशक अपने कार्यालय में रखेंगे।

    मान्यता अहस्तांतरणीय :- मान्यता व्यक्ति विशेष को प्रदान की जाती है, अत: उसे हस्तान्तरित नहीं किया जा सकता है।

    प्रतिबन्ध :- मान्यता मिल जाने से पत्र प्रतिनिधि का कोई सरकार स्तर निर्धारित नहीं हो जाता। सरकार पत्र प्रतिनिधि को केवल संबंधित समाचार पत्र अथवा प्रेस एजेन्सी के प्रतिनिधि के रूप में मान्यता प्रदान करती है। इसलिए उसे अपने विजिटिंग कार्ड अथवा लेटर हेड पर ‘‘उत्तरांचल सरकार से मान्यता प्राप्त’’ नहीं छपवाना चाहिए।

    मान्यता कार्ड:- पत्र प्रतिनिधि को मान्यता प्रदान किये जाने पर एक कार्ड दिया जायेगा और इसकी सूचना सम्बंधित जिला प्रशासन को दी जोयगी। पत्रकार सम्मेलन में केवल मान्यता प्राप्त पत्र-प्रतिनिधि भाग ले सकते हैं, किन्तु विशेष समारोहों के लिए अलग से निमन्त्रण पत्र वितरित किये जाने की व्यवस्था है।

    सुविधायें :- मान्यता प्राप्त पत्र प्रतिनिधि को जिला प्रशासन द्वारा जारी की गयी प्रचार सामग्री तथा उसके द्वारा पत्रकारों को दी जाने वाली सुविधायें प्राप्त करने का अधिकार होगा।

    स्वतन्त्र पत्रकार :- स्वतन्त्र पत्रकार के रूप में मान्यता के लिए पूर्ण विवरण सहित सादे कागज पर प्राप्त आवेदन पत्रों पर भी समिति विचार कर सकती है।

    फोटोग्राफर :- फोटोग्राफर के रूप में मान्यता के लिए यह जानकारी प्राप्त की जाए कि आवेदक को रिटेनर के रूप में पारिश्रमिक मिलता है या नहीं। तदोपरान्त ही ऐसे प्रकरण पर विचार किया जाये।

    फोटो एजेन्सी :- फोटो एजेन्सी के प्रतिनिधि को मान्यता के प्रकरण में सम्पादक का इस आशय का पत्र होना चाहिए कि गत एक वर्ष में संदर्भित एजेन्सी के कितने फोटो प्राप्त हुए, कितने छपे और उसे कितने पारिश्रमिक का भुगतान किया गया।