परिशिष्ट-4
संख्या-54/ सु0अ0/2003
प्रेषक,
एन.एन. प्रसाद,
सचिव,
उत्तरांचल शासन।
सेवा में,
महानिदेशक,
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग,
उत्तरांचल, देहरादून।
देहरादूनः दिनांक, 12, अगस्त, 2002
सूचना अनुभाग:
विषय: सांस्कृतिक दलों की पंजीकरण एवं संचालन नियमावली, 2002
महोदय,
उपर्युक्त विषय पर मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग, उत्तरांचल के माध्यम से उत्तरांचल शासन की योजनाआं, नीतियों, निर्णयों तथा उपब्धियों की जानकारी प्रदेश के सुदूर ग्रामीण अंचलों में पहुंचाने में गीत एवं नाट्य योजना एक सशक्त एवं जीवन्त माध्यम है। अधिक उपयुक्त होगा कि इस सम्बन्ध में स्थायी नियमावली निर्धारित5 कर प्रचार एवं प्रसार कार्य प्रभावी ढंग से निष्पादित किया जाये।
अतएव उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सम्यक् विचारोपरान्त श्री राज्यपाल ‘‘सांस्कृतिक दलों की पंजीकरण एवं संचालन नियमावली-2002 (संलग्नक) जारी किये जाने हेतु सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।
भवदीय
(हस्ताक्षर)
एन.एन. प्रसाद
सचिव, सूचना
प्रतिलिपि निम्नांकित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषितः
मुख्य सचिव, उत्तरांचल शासन
समस्त प्रमुख सचिव/सचिव, उत्तरांचल शासन।
सम्बन्धित विभागाध्यक्ष।
प्रदेश के समस्त जिलाधिकारी/मण्डलायुक्त।
पुलिस महानिदेशक, उत्तरांचल।
समस्त उपनिदेशक/सहायक निदेशक, सू.एव.लो.सं.वि., उत्तरांचल।
समस्त जिला सूचना अधिकारी, उत्तरांचल।
सूचना अनुभाग।
एक प्रति गार्ड फाइल हेतु
उपनिदेशक, राजकीय, मुद्रणालय, रूड़की को इस आशय से प्रेषित कि कृपया इस नियमावली को राजकीय गजट असाधारण के भाग-4, खंड-ख में दिनांक 12.08.2002 को प्रकाशित करने का कष्ट करें।
(हस्ताक्षर)
एन.एन. प्रसाद
गीत एवं नाट्य ‘योजनार्न्तगत’ सांस्कृतिक दलों की पंजीकरण एवं संचालन नियमावली-2002 सांस्कृतिक दलों की पंजीकरण एवं संचालन नियमावली-2002
उद्देश्य :- शासन की नीतियों, निर्णयों, उपलब्धियों तथा कार्यकलापों के प्रचार-प्रसार हेतु विभिन्न विधाओं के सांस्कृतिक दलों का पंजीकरण एवं संचालन।
कार्यक्षेत्रा :- सम्पूर्ण उत्तरांचल या आवश्यकता पड़ने पर प्रदेश के बाहर।
परिभाषा :- विषय और सन्दर्भ से यदि अन्य अर्थ न निकलता हो तो निम्नलिखित शब्दों का अर्थ वही है जो उनके सामने दिया जा रहा है-
क ‘‘राज्य’’ का अर्थ है उत्तरांचल राज्य।
ख ‘‘सरकार’’ का अर्थ है उत्तरांचल सरकार।
ग ‘‘सचिव’’ का अर्थ है सचिव सूचना, उत्तरांचल शासन।
घ ‘‘महानिदेशक’’ का अर्थ है महानिदेशक सूचना एवं लोकसम्पर्क विभाग, उत्तरांचल।
ड ‘‘अधिशासी निदेशक’’ का अर्थ है अधिशासी निदेशक, सूचना एवं लोकसम्पर्क निदेशालय, उत्तरांचल।
च ‘‘विभाग’’का अर्थ है सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग, उत्तरांचल के अधीन पंजीकृत सांस्कृतिक दल।
पंजीकरण प्रकिया, नियम, शते एवं संचालन
पंजीकरण प्रकिया :-
- प्रत्येक तीन वर्ष के बाद उत्तरांचल के प्रमुख समाचार पत्रों में सांस्कृतिक दलों के चयन हेतु विज्ञापन दिया जायेगा।
- पंजीकरण हेतु दलों को विभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप परिशिष्ट-1 में आवेदन करना होगा। दलों के चयन / साक्षात्कार हेतु विषय आवदेन पत्र के साथ ही लिये जायेंगे। त्रुटिपूर्ण आवेदन पत्र स्वीकार नहीं होंगे।
आवदेन पत्र भरे जाने हेतु विभिन्न सांस्कृतिक दलों के आकर की दृष्टि से निर्धारित सदस्य संख्या की तालिका
| विधा | मुख्य कलाकार | अतिरिक्त कलाकार |
| (क) भजन, कव्वाली | 4 (एक महिला कलाकार) | एक |
| (ख) कठपुतली | 3 तदैव | एक |
| (ग) जादू | 3 तदैव | एक |
| (घ) लोकगीत | 6 (दो महिला कलाकार) | 2 (एक महिला कलाकार) |
| (च) लघु सांस्कृतिक दल | 8 (दो महिला कलाकार) | 2 (एक महिला कलाकार) |
| (छ) वृहद सांस्कृतिक दल | 12 (चार महिला कलाकार) | 4 (दो महिला कलाकार) |
| (ज) नाटक/नौटंकी/नुक्कड़ नाटक | 12 (दो महिला कलाकार | 4 (दो महिला कलाकार) |
सांस्कृतिक दलों के साक्षात्कार हेतु विधा विशेषज्ञों की चयन समिति के गठन में उत्तरांचल सरकार एवं भारत सरकार के निम्नलिखित विभागों के विधा विशेषज्ञ सदस्य हैं-
- महानिदेशक या अधिशासी निदेशक, सूचना एवं लोकसम्पर्क विभाग, उत्तरांचल (अध्यक्ष)
- आकाशवाणी, भारत सरकार का प्रतिनिधि, (निकटस्थ केन्द्र) (सदस्य)
- दूरदर्शन केन्द्र, भारत सरकार का प्रतिनिधि (सदस्य)
- भारतखण्डे हिन्दुस्तानी संगीत महाविद्यालय का प्रतिनिधि (सदस्य)
- गीत नाट्य,प्रभाग, भारत सरकार का प्रतिनिधि (सदस्य)
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, उत्तरांचल का प्रतिनिधि (सदस्य)
- उपनिदेशक (गी0-ना0) सूचना एवं लोकसम्पर्क सचिव/ विभाग, उत्तरांचल (संयोजक)
- उपर्युक्त सदस्यों के साथ ही इस समिति के अध्यक्ष की अनुशंसा पर अन्य दो विशेष विधा विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जायेगा, जो क्षेत्रीय लोक संगीत, लोक परम्पराओं एवं लोक संस्कृति के विशेषज्ञ हों।
| (4) चयन समिति दलों के प्रस्तुतिकरण के अनुरूप उन्हें प्राप्त प्राप्तांक/प्रतिशत के आधार पर निम्नवत तालिका के अनुसार तीन (अ, ब, स) श्रेणियों में विभाजित करेगी। | |||
| प्राप्तांक प्रतिशत | श्रेणी | ||
| क | 81 प्रतिशत व इससे अधिक अंक पाने वाले दल | अ | |
| ख | 66 प्रतिशत व 80 प्रतिशत तक अंक पाने वाले दल | ब | |
| ग | 50 प्रतिशत से 65 प्रतिशत तक अंक पाने वाले दल | स | |
| (5) चयन/साक्षात्कार में निम्नलिखित बिन्दु पर चयन समिति द्वारा अंक दिये जायेंगे- | |
| क | मंच-व्यवस्था, मंच सामग्री |
| ख | वेश-भूषा |
| संगीत पक्ष | |
| विषय की समझ | |
| ग | प्रस्तुतिकरण |
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(6) विभिन्न विधाओं के दलों के प्राप्तांक प्रतिशत के आधार पर प्रत्येक कार्यक्रम हेतु पारिश्रमिक की विवरणिका- (समय-समय पर मंहगाई को देखते हुए परिवर्तनीय सचिव सूचना उत्तराखण्ड शासन के पत्रांक 261 / XXII / 2016 – 29(10) 2015 दिनांक 18 मई 2016 के माध्यम से सांस्कृतिक दलों की पंजीकरण एवं संचालन नियमावली – 2002 के नियम 1(6) ” विभिन्न विधाओ के दलों के प्राप्तांक प्रतिशत के आधार पर प्रत्येक कार्यक्रम हेतु पारिश्रमिक की विवरणिका में पारिश्रमिक की दरों में निम्नानुसार संशोधन किया गया है | |
| क्रम संख्या | दल का विवरण | सदस्य संख्या |
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| 1 | भजन/कव्वाली/कठपुतली | 4 |
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| 2 | जादू | 3 |
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| 3 | लोकगीत | 6 |
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| 4 | लघु सांस्कृतिक दल | 8 |
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| 5 | वृहद सांस्कृतिक दल | 12 |
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| 6 | नाटक/नौटंकी/नुक्कड़ नाटक | 12 |
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(7) दल के चयन/साक्षात्कार के समयः दल विवरण एवं प्रदत्त घोषणा पत्र (परिशिष्ट-2) भरना अनिवार्य है। (8) साक्षात्कार एवं स्वर परीक्षण तथा प्रदर्शन हेतु प्रत्येक दल को 15 मिनट का समय दिया जायेगा। |
नियम व शर्तें-
- दल नेता द्वारा दल के कलाकारों की दस ग्रुप फोटो (कैबिनेट साइज 1.5 ग 1.5) सहमति पत्र के साथ साक्षात्कार के समय जमा करनी होगी।
- पंजीकृत दल को शासकीय आवश्यकता एवं उचित मांग के अनुसार ही कार्यक्रम आवंटित किये जायेंगे। दल को कार्यक्रम करने के लिए प्रदेश के किसी भी भाग/क्षेत्र में भेजा जा सकता है। अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर, आवंटित कार्यक्रमों को किया जाना अनिवार्य है। कार्यक्रम न करने पर दल का पंजीकरण निरस्त किया जा सकता है।
- कार्यक्रम शासन की नीतियों, निणर्यों एवं उपलब्धियों पर आधारित होना चाहिए और उसकी अवधि दो से तीन घण्टे अनिवार्य है।
- एक दिन में केवल एक कार्यक्रम प्रस्तुत करना होगा। विशेष परिस्थितियों में जिलाधिकारी, उपनिदेशक, सहायक निदेशक तथा जिला सूचनाधिकारी से आदेश प्राप्त कर एक दिन में दो कार्यक्रम भिन्न-भिन्न स्थानों और समय पर किये जा सकते हैं।
- कार्यक्रम के समय दल के नेता की उपस्थिति अनिवार्य है।
- प्रदर्शन प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना-
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- दल-जिलाधिकारी/विभागीय अधिकारी/उपनिदेशक/सहायक निदेशक/जिला सूचना अधिकारी आदि द्वारा मांगे गये कार्यक्रमों का प्रदर्शन प्रमाण पत्र यह अंकित कराते हुए प्राप्त करा सकते हैं कि संबंधित अधिकारी जिले में उपस्थिति नहीं है।
- दल, ब्लाक स्तर के अधिकारियों द्वारा मांगे गये कार्यक्रमों का प्रदर्शन प्रमाण पत्र इन्हीं अधिकारियों से प्राप्त करेंगे।
- दल, पंचायत स्तर से मांगे गये कार्यक्रम का प्रदर्शन प्रमाण पत्र ग्राम प्रधान से प्राप्त करेंगे।
- स्वैच्छिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों द्वारा वांछित कार्यक्रमों के प्रदर्शन प्रमाण पत्र संगठन के लैटर हेड पर इन संगठनों के अध्यक्ष /संयोजक/सचिव से प्राप्त करेंगे।
- दल माननीय मंत्री, सांसद एवं विधायक द्वारा मांगे गये कार्यक्रमों का प्रदर्शन प्रमाण पत्र उसी स्तर के व्यक्तियों से प्राप्त करेंगे।
खण्ड (ग) व (घ) स्तर से प्राप्त प्रमाण पत्र को दल संबंधित जिला सूचना अधिकारी यथा समय अधिकारी से प्रमाणित कराकर सूचना निदेशालय द्वारा निर्धारित दयक में पारिश्रमिक के भुगतान हेतु कार्यक्रम करने के 18 दिनों के अन्दर सूचना निदेशालय को प्रेषित करेंगे।
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- दल को विभाग द्वारा जारी कार्यक्रम करने से संबंधित स्थान का, जहां कार्यक्रम किया गया है, ‘‘फीड बैक रिपोर्ट’’ तथा संबंधित संस्था के आयोजन के उद्घाटन के समय दल के सभी कलाकार शामिल हों तत्संबंधी फोटोग्राफ भी यथासंभव देयक के साथ लगायेंगे। फीड बैक रिपोर्ट संतोषजनक होने पर ही देयक का भुगतान किया जायेगा। फीड बैक रिपोर्ट का प्रोफोर्मा (परिशिष्ट-3)
- दल के किसी भी सदस्य को बदलने का अधिकार केवल अधिशासी निदेशक/सक्षम अधिकारी का होगा।
- विभाग में पंजीकृत सभी संास्कृतिक दलों के लिए दुर्घटना बीमा कराना अनिवार्य है।
- वित्तीय वर्ष में यदि कोई दल तीन बार कार्यक्रम करने से मना करता है, तो उसके दल को भविष्य में कार्यक्रम देना बन्द कर दिया जायेगा।
- अल्प सूचना पर भी दल का आवंटित किये गये कार्यक्रम को करना अनिवार्य होगा।
- दल का अधिकार यह नहीं होगा कि दल को पंजीकरण होने पर उसके कार्यक्रम आवंटित ही किये जायें। कार्यक्रम प्रचार की आवश्यकता को देखते हुए ही आवंटित किये जायेंगे।
- विभाग द्वारा जारी सभी कलाकारों के परिचय पत्र उपनिदेशक/सहायक निदेशक/जिला सूचना अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य है। जिस दल के पास परिचय पत्र नहीं होंगे, उस दल से कार्यक्रम नहीं कराया जायेगा। तथा दल को किसी भी प्रकार का भुगतान देय नहीं होगा।
- पंजीकृत दल कार्यक्रम आवंटन स्थल पर सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग, उत्तरांचल के नाम का बैनर अवश्य लगाएगा।
- दल को चयन/साक्षात्कार हेतु वाद्य यंत्रों सहित पूर्णरूपेण तैयार होकर आना होगा।
- किसी भी दल का पंजीकरण किसी भी दशा में बिना चयन समिति के समक्ष प्रस्तुत करते हुए, निर्धारित अवधि के पहले या बाद में नहीं होगा।
- किसी भी तरह अनुशंसा दल की आयोग्यता मानी जायेगी।
संचालन-
- विभाग सांस्कृतिक दलों के चयन का आयोजन कुमाऊँ तथा गढ़वाल मण्डल के अलग-अलग स्थानों पर करेगा। चयन स्थलों का निर्धारण तात्कालिक स्थित के अनुसार विभाग द्वारा किया जायेगा।
- विभाग द्वारा सांस्कृतिक दलों को आवंटित कार्यक्रमों की सूचना सम्बन्धित जिले के जिला सूचना अधिकारी को अवश्य दी जायेगी।
- दलों के चयन के बाद उसके प्रत्येक सदस्य से संबंधित परिचय पत्र विभाग द्वारा जारी किया जायेगा। जिसे शासकीय कार्यक्रम करने के क्रम में जिला स्तरीय अधिकारी यथा उपनिदेशक/सहायक निदेशक/जिला सूचनाधिकारी अवश्य देखेंगे। जिन दलों के पास परिचय पत्र उपलब्ध नहीं होंगे उनसे कार्यक्रम न कराया जाए। दल को वापस कर दिया जाए और उक्त कार्यक्रम से सम्बन्धित किसी प्रकार के भुगतान की संस्तुति न की जायें।
- जिलों में सांस्कृतिक दलों द्वारा किये गये कार्यक्रमों की सूचना एवं उन पर टिप्पणी जिला सूचना कार्यालय महीने के प्रथम पखवारे में सूचना निदेशालय को अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करेंगे।
- विभिन्न विभागों से सम्बन्धित योजनाओं की कार्यशाला के लिए नोडल विभाग, सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग, उत्तरांचल होगा। कार्यशाला पर आने वाला व्यय सम्बन्धित विभाग वहन करेगा। सम्बन्धित विभाग प्रशिक्षित दलों से ही कार्यक्रम करायेगा और अपने स्तर से भुगतान भी करेगा।
- विश्व बैंक परियोजना तथा सभी सरकारी/अर्द्धसरकारी/ स्वायत्तशासी संस्थान सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग, उत्तरांचल में पंजीकृत दलों से ही कार्यक्रम करायें।
- पंजीकृत सांस्कृतिक दलों का समय-समय पर भौतिक निरीक्षण प्रशासनिक अधिकारी (गीत-नाट्य)/सहायक निदेशक/उपनिदेशक (गीत एवं नाट्य) किया जाना सुनिश्चित किया जाये।
- एक वित्तीय वर्ष में रू0 साठ हजार तक के कार्यक्रम ही किसी दल को दिये जाय। विशेष परिस्थिति में रूपये साठ हजार से ऊपर के कार्यक्रम किसी दल को देने हेतु अधिशासी निदेशक से स्वीकृति अलग से प्राप्त की जाये।
दल का पंजीकरण निरस्त किये जाने की परिस्थितियां-
- पंजीकृत सांस्कृतिक दल की मान्यता किसी भी समय निरस्त करने का अधिकार अधिशासी निदेशक, सूचना का होगा। दल का किसी भी समय आकस्मिक भौतिक निरीक्षण सूचना निदेशालय के प्रशासनिक अधिकारी (गीत-नाट्य) द्वारा किया जा सकता है। दल में अनुमोदित कलाकारों द्वारा कार्यक्रम न किये जाने तथा कार्यक्रम का प्रदर्शन स्तर गिरने पर, दल से स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है। संतोषजनक उत्तर प्राप्त न होने पर दल को ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है।
- पंजीकरण अवधि के भीतर कार्यक्रम एवं प्रदर्शन स्तर का पुनः निरीक्षण करने के लिए किसी भी तिथि अथवा स्थान या मुख्यालय पर दल को बुलाया जा सकता है। इस प्रदर्शन में दल के वे सभी कलाकार सम्मिलित होंगे जो परीक्षण/साक्षात्कार के समय थे, इसके लिए किसी भी प्रकार का व्ययदल को देय नहीं होगा। कार्यक्रम का प्रदर्शन स्तर गिरा होने पर दल का निर्धारित अवधि से पहले पंजीकरण समाप्त करने अथवा बनाये रखने का अधिकार अधिशासी निदेशक/सक्षम अधिकारी को होगा।
- दल द्वारा अपनी सहमति तथा कार्यादेश प्राप्त करने के बाद यदि कार्यक्रम नहीं किया जाता है तो दलनेता से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा, संतोषजकन उत्तर प्राप्त न होने पर व्यय की वसूली दलनेता से की जायेगी तथा भविष्य में दल को कार्यक्रम देना बन्द कर दिया जायेगा, साथ ही दल का पंजीकरण भी निरस्त किया जा सकता है।
- विभाग द्वारा पंजीकृत दल अनुमोदित कार्यक्रम के सीन पर फूहड़ और अश्लील कार्यक्रम का प्रदर्शन करने पर तथा विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों का निरीक्षण उप निदेशक/सहायक सूचना निदेशक/जिला सूचना अधिकारी द्वारा निरीक्षण किये जाने के उपरान्त असंतोषजनक रिपोर्ट पर दल का पंजीकरण निरस्त किया जा सकता है।
आयोजकों से अपेक्षायें-
- प्रदर्शनरत दल के सदस्यों की सुरक्षा, आवास, भोजन एवं पी0ए0 सिस्टम सहित मंच की यथासंभव व्यवस्था आयोजक स्वयं करेंगे।
- आयोजक विद्यालयों में कार्यक्रम प्रदर्शन हेतु कृपया वृहद सांस्कृतिक दल न मांगकर शिक्षात्मक कठपुतली व जादू दल ही मांगे। विशेष परिस्थितियों में अपवाद स्वरूप अन्य सांस्कृतिक दलों की मांग की जा सकती है।
- आयोजक की मांग पर ही विभाग कार्यक्रम आवंटित करता है। अतः आयोजक सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के नाम का उल्लेख अपनी प्रचार सामग्री में अवश्य करेंगे। आयोजक दलों से आयेाजन स्थल पर सूचना एवं लोकसम्पर्क विभाग का बैनर लगाया जाना सुनिश्चित करा लें।
- कार्य मांगकर्ता अपने लैटर-हेड पर ही कार्यक्रम की मांग करें। जिलों की मांग सम्बन्धित जिलों के जिला सूचना अधिकारियों के माध्यम से ही भेजी जाए। ग्राम प्रधान व ब्लाक प्रमुख अपने मांग-पत्र मुख्यालय को सीधे भेज सकते हैं।
- विभागीय कर्मचारी द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए प्रस्तुत किये गये मांग-पत्र पर वह सत्यापित करना होगा कि वह अपनी देख-रेख में कार्यक्रम करवायेगा।
- मांगकर्ता को कम से कम 15 दिन पूर्व अपना आवेदन-पत्र देना होगा, तभी दल भेजना संभव होगा।
- दलनेता द्वारा कार्यादेश प्राप्त करने के बाद बगैर किसी सूचना के कार्यक्रम न करने की स्थिति में मांगकर्ता द्वारा विभाग से शिकायत करने पद दल का पंजीकरण निरस्त किया जा सकता है। केवल दैवी आपदा वाले मामले में यह लागू नहीं होगा।
- गैर पंजीकृत दलों से सांस्कृतिक कार्यक्रम न कराये जायें।
- आयोजक कार्यक्रम प्रस्तुत दल को किसी प्रकार का भुगतान नहीं करेंगे।