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जिला मुख्यालय तथा जिले के आमुख स्थानों में मान्यता के नियम
24. विस्तार :- यह नियम राज्य के समाचार-पत्रों अथवा समाचार एजेन्सियों के जिला मुख्यालयों अथवा प्रमुख स्थानों में स्थित पत्र प्रतिनिधि के लिए लागू होंगे।
25. आवेदन :- समाचार-पत्र अथवा समाचार एजेन्सी का सम्पादक या पत्र- प्रतिनिधि जिले में मान्यता के लिए प्रस्तावित पत्र-प्रतिनिधियों के नाम निर्धारित फार्म ( परिशिष्ट-2 )  पर पासपोर्ट आकार की फोटो सहित अधिशासी निदेशक को भेजेंगे। अधिशासी निदेशक पत्र-पत्रिकाओं की सूची अपनी टिप्पणी और जिलाधिकारियों से उपलब्ध सूचनाओं को मान्यता समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। सम्पादक जिला पत्र-प्रतिनिधियों की सूची के साथ उनके पत्रकारिता संबंधी अनुभव आदि का उल्लेख करेंगे। मान्यता पत्र अधिशासी अधिकारी जारी करेंगे। यदि समिति किसी आवेदक को मान्यता न देने का निर्णय करती है तो उस दशा में ऐसे निर्णय की सूचना आवेदक को तथा संबंधित समाचार माध्यम/संगठन को दी जायेगी।
शर्तें :- जिला मुख्यालय में मान्यता प्राप्त करने के लिए समाचार पत्र अथवा समाचार एजेन्सी के पत्र-प्रतिनिधियों के लिए निम्नलिखित बातें जरूरी हैं-
          i . सामान्यत: मान्यता प्राप्ति के समय पत्र प्रतिनिधि का निवास जिले में ही होना चाहिए।
          ii . उसे सक्रिय पत्रकार होना चाहिए।
          iii . सरकारी कार्यालयों, स्थानीय निकायों और अर्ध सरकारी प्रतिष्ठानों तथा सरकार द्वारा संचालित वित्त निगमों का उसे कर्मचारी नहीं होना चाहिए |
          iv . समिति जिला मुख्यालय में ऐसे आवेदक को भी मान्यता प्रदान कर सकती है जो किसी विशेष समाचार माध्यम, संगठन से सम्बंध न हो लेकिन प्रतिबन्ध होगा कि पूर्णकालिक पत्रकार के रूप में कम से कम 20 वर्ष का अनुभव हो तथा नियमित रूप से 2 प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त पत्र / पत्रिकाओं में लेख छपते हों और पत्रकारिता से सिद्ध वार्षिक आय रू० 6,000 से कम न हो |
27. विचारणीय बिन्दु :- समाचार एजेन्सियों के प्रतिनिधियों को मान्यता प्रदान करने के लिए निम्नलिखित बातों पर विचार किया जायेगा-
         i. वितरण-प्रणाली और सेवाएं तथा
         ii. न्यूनतम दस समाचार पत्रों का उल्लेख, जिन्हें सशुल्क समाचार भेजे जाते हैं।
28 प्रकाशन संबंधी बिन्दुओं पर विचार :- समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों को मान्यता प्रदान करने के लिए निम्नलिखित बातों पर विचार किया जायेगा
         i. प्रकाशन की अवधि और नियमितता।
        ii. वेतन मण्डल के अनुसार समाचार पत्र की श्रेणी और उसकी ग्राहक संख्या मान्यता देने के लिए दैनिक पत्र की प्रमाणिक ग्राहक संख्या मैदानी क्षेत्र हेतु 2000 एवं पर्वतीय क्षेत्र हेतु 1000 तथा साप्ताहिक पत्र की ग्राहक संख्या मैदानी क्षेत्र हेतु 1000 तथा पर्वतीय क्षेत्र हेतु 500 होनी चाहिए। प्रमाण पत्र रजिस्टार न्यूजपेपर्स का होना चाहिए। नियमितता कम से कम 80 प्रतिशत प्रकाशन पर मानी जायेगी।

29. प्रदेश में 2000 तक प्रसार वाले दैनिक समाचार पत्रों के सम्पादक को मान्यता दिये जाने पर विचार किया जा सकता है। साप्ताहिक पत्र के संपादक को यदि वह नियमानुसार अन्य शते पूरी करता है, तो उसे भी मान्यता देने के प्रश्न पर विचार किया जा सकता है।
30. प्रदेश के बाहर प्रकाशित दैनिक पत्रों के संबंध में
क. प्रदेश के बाहर प्रकाशित दैनिक पत्र जिनकी प्रसार संख्या कमसे कम 1 लाख हो, को नियम-11 की पूर्ति करने वाले प्रतिनिधियों को राज्य मुख्यालय में ही मान्यता दी जा सकती है। विशेष परिस्थितियों में सम्पादक द्वारा औचित्य बताने पर अन्य स्थान पर मान्यता दी जा सकती है। प्रमाण-पत्र रजिस्टार न्यूजपेपर्स का होना चाहिए।
ख. प्रदेश में प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र जिसकी प्रसार 5,000 से अधिक 10,000 तक हो, उनके एक 25,000 तक दो 25,000 से ऊपर तीन प्रतिनिधियों को उनके प्रकाशन के जिले में मान्यता दी जायेगी तथा इससे अधिक होने पर अधिकतम चार प्रतिनिधियों को उसके प्रकाशन के जिले में मान्यता दी जायेगी तथा केवल एक प्रतिनिधि को जिला मुख्यालयों पर ही मान्यता दी जायेगी। प्रमाण-पत्र रजिस्टार, न्यूजपेपर्स तथा ऑडिटब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन होना चाहिए।

 ग. प्रदेश के अन्य दैनिक समाचार पत्रों, जिनकी प्रसार संख्या 2000 तक हो उसके एक-एक प्रतिनिधि को केवल उनसे सम्बन्धित मंडल के जिलों में मान्यता दी जा सकती है। प्रमाण पत्र रजिस्टार, न्यूज पेपर्स तथा ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन का होना चाहिए।
घ. प्रदेश के ऐसे साप्ताहिक पत्र जिनकी प्रसार संख्या 1000 से अधिक हो, के एक प्रतिनिधि को मंडलों के मुख्यालयों में ही मान्यता दी जा सकती है। प्रमाण-पत्र रजिस्टार, न्यूज पेपर्स तथा ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन का होना चाहिए।
ड. 1000 से कम प्रसार वाले प्रदेश के साप्ताहिक पत्रों के एक प्रतिनिधि को पत्र के प्रकाशन के जिले के मुख्यालय में तथा सम्बन्धित मंडल के मुख्यालय में मान्यता दी जा सकती है। प्रमाण-पत्र रजिस्टार, न्यूजपेपर्स तथा ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन का होना चाहिए।
च. दैनिक पत्रों के फोटोग्राफरों के प्रार्थना पत्र पर भी विचार किया जा सकता है।
31. जिलों में मान्यता के वापस लिये जाने की परिस्थितिया-
       निम्नलिखित परिस्थितियों में मान्यता वापस ली जा सकती है।
(1) i. यदि कोई पत्र प्रतिनिधि उपलब्ध सूचनाओं और सुविधाओं का उपयोग पत्रकारिता के अतिरिक्त विज्ञापन अथवा अन्य कायो के लिए करता है।
     ii.मान्यता प्राप्त प्रतिनिधियों के गैर पत्रकारिता की गतिविधियों में रत होने या अशोभनीय आचरण करने की दशा में मान्यता निलम्बित या वापस ली जा सकती है।
     iii. यदि मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि अपने अथवा अपने संगठन के बारे में झूठी सूचना देते पाया जाता है और यदि उसे अपने बचाव का उचित अवसर देने के बाद समिति को यह संतोष हो जाता है कि आरोप सही है तो मान्यता निलम्बित या वापस ली जा सकती है।
2. उपर्युक्त आधार पर मान्यता समाप्त करने से पूर्व संबंधित पत्र प्रतिनिधि को कारण बताओ नोटिस दिया जायेगा और उससे प्राप्त उत्तर या एक निर्दिष्ट अवधि में उत्तर प्राप्त न होने पर मामले के अन्य उपलब्ध तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अन्तिम निर्णय लिया जायेगा।
3. पत्र प्रतिनिधि यदि समिति के समक्ष व्यक्तिगत रूप से अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहे तो आवश्यकतानुसार उसे इसका अवसर दिया जायेगा-

32. परिस्थितियों में परिवर्तन होने पर-
1.
  पत्र-प्रतिनिधि को जिन परिस्थितियों में मान्यता दी गयी है उनमें यदि कोई भी परिवर्तन आ जाए जिनके आधार पर मान्यता का पुनरीक्षण आवश्यक हो जाए तो सामान्य पुनर्रीक्षण के समय अथवा किसी भी समय संबंधित पत्र प्रतिनिधि को मान्यता के विषय में समिति अपने विवेक का प्रयोग करते हुए निश्चिय करेगी।
2. समिति के पुनरीक्षण के लिए संबंधित पत्र-प्रतिनिधि, समाचार पत्र/ समाचार समिति से कोई भी सूचना प्राप्त करने का अधिकार होगा।
3. समिति को अधिकार होगा कि वह समाचार पत्र की प्रसार संख्या की जांच जिला अधिकारी के तथा ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन के सहयोग से कर सकती है।

33  समाचार पत्र आदि छोड़ने पर मान्यता की समाप्ति :- यदि कोई मान्यताप्राप्त पत्र प्रतिनिधि अथवा फोटोग्राफर संबंधित समाचार पत्र, समाचार एजेन्सी, फीचर एजेन्सी, फोटो एजेन्सी, ब्राडकास्टिंग संस्थान अथवा टेलीविजन का प्रतिनिधित्व छोड़ता है तो अधिशासी निदेशक को प्रतिनिधि / संपादक अथवा मैनेजर द्वारा लिखित सूचना प्राप्त होते ही संबंधित की मान्यता स्वयंमेव समाप्त हो जायेगी। समिति की संसतुति पर अधिशासी निदेशक उक्त व्यक्ति की मान्यता समाप्त कर सकते हैं।

34.  प्रत्यावेदन :- समाचार पत्र, एजेन्सी और पत्र प्रतिनिधि इन नियमों के अन्तर्गत लिए गये किसी भी निर्णय के विरूद्ध शासन को प्रत्यावेदन कर सकते हैं। प्रत्यावेदन संबंधित समाचार पत्र, एजेन्सी अथवा पत्र प्रतिनिधि को निर्णय प्राप्त होने के दो मास के भीतर शासन को प्रस्तुत कर देना चाहिए। संबंधित व्यक्ति या संगठन को स्पष्टीकरण का पूरा अवसर देने के पश्चात समिति के परामर्श से शासन द्वारा किया गया निर्णय अन्तिम माना जायेगा।

35.  प्रतिनिधियों की सूची का पुनरीक्षण :- सामान्यतया मान्यता प्राप्त प्रतिनिधियों की सूची का पुनरीक्षण समिति द्वारा समय - समय पर किया जाता रहेगा। इस हेतु एक स्थाई सूची अधिशासी निदेशक अपने कार्यालय में रखेंगे।

36.  मान्यता अहस्तांतरणीय :- मान्यता व्यक्ति विशेष को प्रदान की जाती है, अत: उसे हस्तान्तरित नहीं किया जा सकता है।

37.  प्रतिबन्ध :-मान्यता मिल जाने से पत्र प्रतिनिधि का कोई सरकार स्तर निर्धारित नहीं हो जाता। सरकार पत्र प्रतिनिधि को केवल संबंधित समाचार पत्र अथवा प्रेस एजेन्सी के प्रतिनिधि के रूप में मान्यता प्रदान करती है। इसलिए उसे अपने विजिटिंग कार्ड अथवा लेटर हेड पर ‘‘उत्तरांचल सरकार से मान्यता प्राप्त’’ नहीं छपवाना चाहिए।

38.  मान्यता कार्ड:- पत्र प्रतिनिधि को मान्यता प्रदान किये जाने पर एक कार्ड दिया जायेगा और इसकी सूचना सम्बंधित जिला प्रशासन को दी जोयगी। पत्रकार सम्मेलन में केवल मान्यता प्राप्त पत्र-प्रतिनिधि भाग ले सकते हैं, किन्तु विशेष समारोहों के लिए अलग से निमन्त्रण पत्र वितरित किये जाने की व्यवस्था है।

39. सुविधायें :-  मान्यता प्राप्त पत्र प्रतिनिधि को जिला प्रशासन द्वारा जारी की गयी प्रचार सामग्री तथा उसके द्वारा पत्रकारों को दी जाने वाली सुविधायें प्राप्त करने का अधिकार होगा।

40.   स्वतन्त्र पत्रकार :- स्वतन्त्र पत्रकार के रूप में मान्यता के लिए पूर्ण विवरण सहित सादे कागज पर प्राप्त आवेदन पत्रों पर भी समिति विचार कर सकती है।

41.  फोटोग्राफर :- फोटोग्राफर के रूप में मान्यता के लिए यह जानकारी प्राप्त की जाए कि आवेदक को रिटेनर के रूप में पारिश्रमिक मिलता है या नहीं। तदोपरान्त ही ऐसे प्रकरण पर विचार किया जाये।

42.  फोटो एजेन्सी :-  फोटो एजेन्सी के प्रतिनिधि को मान्यता के प्रकरण में सम्पादक का इस आशय का पत्र होना चाहिए कि गत एक वर्ष में संदर्भित एजेन्सी के कितने फोटो प्राप्त हुए, कितने छपे और उसे कितने पारिश्रमिक का भुगतान किया गया।