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शासन के मुख्यालय में मान्यता के नियम

10. मान्यता के लिए आवेदन पत्र
  1. मान्यता प्रदान करने के लिए समाचार पत्र का सम्पादक या विशेष परिस्थितियों में समाचार संपादक, प्रेस एजेन्सी का सम्पादक अथवा
    मैनेजर किसी समाचार पत्र, समाचार एजेन्सी, फीचर एजेन्सी, समाचार फोटो एजेन्सी, ब्राडकास्टिंग संस्थान अथवा इलेक्टानिक मीडिया और साइबर मीडिया का प्रतिनिधित्व करने वाला प्रतिनिधि, फोटोग्राफर अपने प्रधान के द्वारा, अधिशासी निदेशक को निर्धारित फार्म (परिशिष्ट-1) में आवदेन देगा। प्रत्येक आवदेन पत्र के साथ पत्र प्रतिनिधि का पासपोर्ट आकार का फोटो भी भेजा जाना चाहिए। अधिशासी निदेशक उचित सलाह के लिए, आवेदन पत्र समिति को विचारार्थ प्रस्तुत करेंगे। यदि समिति किसी आवेदक को मान्यता न देने का निर्णय करती है तो उस दशा में ऐसे निर्णय की सूचना आवदेक को तथा सम्बन्धित समाचार माध्यम/संगठन को दी जायेगी।
(क)
समाचार संगठनों के संपादकों को विशेष परिस्थिति में मान्यता दी जा सकती है यदि मान्यता समिति सन्तुष्ट है कि आवेदनकर्ता सचमुच सामयिक मामलों को कवर कर रहा है तथा उस मान्यता की आवश्यकता है। मुख्यालय से प्रकाशित दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को उसी स्थिति में मुख्यालय पर मान्यता दी जा सकती है जब उसका मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त कोई प्रतिनिधि न हो।

(ख) साप्ताहिक या अन्य सावधिक समाचार पत्रों के प्रतिनिधि को, विशेष परिस्थितियों में ही मान्यता दी जायेगी।
11. मान्यता का अर्थ :- मान्यता प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित शर्ते पूरी करनी होंगी
  1. पत्र प्रतिनिधि का निवास मान्यता की अवधि में मुख्याल में होगा।
  2. उसे श्रमजीवी पत्रकार एवं सेवा शर्ते तथा अन्य विविध प्राविधान अधिनियम, 1955के अनुसार श्रमजीवी-पत्रकार होना चाहिए तथा पत्र प्रतिनिधि के रूप में उसकी नियुक्ति पूर्णकालिक होनी चाहिए तथा वेतन मण्डल के रेगुलेशन के अनुसार उसे वेतन मिल रहा हो। उसे पूर्णकालिक पत्रकार के रूप में पत्रकारिता का कम से कम पाच वर्ष का अनुभव होना चाहिए। मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि को व्यवस्थापक से प्राविडेन्ट फण्ड की संख्या व प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना होगा।
  3. यदि आवेदनकर्ता किसी समाचार-पत्र का प्रतिनिधि है तो मान्यता प्रदान करने से पूर्व पत्र की निम्नांकित बातों पर विचार किया जायेगा-
  4. समाचार पत्र का स्तर और प्रकार
  5. पत्र के प्रकाशन की अवधि और नियमितता
  6. राज्य में उसकी ग्राहक संख्या और उसकी प्रतिष्ठा
  7. रजिस्टार न्यूज पेपर्स द्वारा प्रमाणित न्यूनतम ग्राहक संख्या दैनिक पत्र के लिए राज्य में कम से कम 10,000 होनी चाहिए।
  8. शासन के मुख्यालय पर मान्यता चाहने वाले पत्र-प्रतिनिधि के पास अपने से संबंधित समाचार-पत्र की समाचार प्रेषण हेतु टेलीग्राफिक
    एथारिटी अथवा प्रीपेड ट़्रंकॉल फैसिलटी का प्रमाण पत्र होना चाहिए, यदि पत्र का प्रकाशन राज्य मुख्यालय से न होता हो।
  9. समाचार पत्र या समाचार एजेन्सी के प्रतिनिधि को श्रमजीवी पत्रकारों के वेतन मण्डल की सिफारिश तथा भारत सरकार के श्रम मंत्रालय की संबंधित अधिसूचना के अनुसार उनके समाचार पत्र अथवा समाचार एजेन्सी की श्रेणी के लिए निर्धारित वेतन आहरित करना चाहिए। व्यवस्थापक इस विषय में प्रतिनिधि के बारे में सूचित करे कि प्राविडेन्ट फण्ड कटता है कि नहीं तथा आशय का प्रमाण संख्या के साथ देंगे।
  10. समाचार, फीचर अथवा फोटो एजेन्सी से सम्बद्ध प्रतिनिधि को मान्यता प्रदान करने के लिए निम्नांकित बातों पर विचार किया जायेगा-
  11. एजेन्सी के प्रकार
  12. उसका कार्यकाल
  13. वितरण प्रणाली
  14. प्रेस फोटोग्राफरों को मान्यता प्रदान करने से पूर्व निम्नलिखित बातों पर विचार किया जायेगा-
  15. संबंधित समाचार पत्र का स्तर।
  16. उसे प्रेस फोटोग्राफर होना चाहिए।
  17. शेष प्रमाण पत्र उपर्युक्त की भांति प्रस्तुत करने होंगे।
  18. स्वतंत्र पत्रकार: समिति ऐसे पत्रकार को भी मान्यता प्रदान कर सकती है, जो किसी विशेष समाचार माध्यम/संगठन से सम्बद्ध न हो लेकिन प्रतिबन्ध यह है कि उसे पूर्णकालिक पत्रकार के रूप में कम से कम 20वर्ष का अनुभव होना चाहिए और नियमित रूप से किन्हीं दो प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त पत्र-पत्रिकाओं में लेख छपते रहने चाहिए और पत्रकारिता के माध्यम से उसकी सिद्ध वार्षिक आय 12,000 रूपये से कम न हो।
  19. मान्यता से कोई सरकारी या विशेष दर्जा प्राप्त नहीं होगा परन्तु जनहित में व्यवसायिक पत्रकारिता के कार्य के निष्पादन हेतु पत्रकारों की पहचान के लिए मान्यता दी जाती है।
  20. मान्यता का उपयोग केवल समाचार संकलन हेतु ही है अन्य किसी कार्य के लिए नहीं।
12. मान्यता के लिए संवाददाताओं की संख्या :- स्थानीय समाचार पत्र अथवा श्रृंखलाबद्ध समाचार पत्र हेतु केवल एक प्रतिनिधि को मान्यता दी जायेगी। विशेष परिस्थितियों में एक से अधिक मान्यता इस शर्त पर प्रदान की जा सकती है कि समारोह में वे अपने एक ही प्रतिनिधि के लिए सुविधा चाहेंगे।
13. मान्यता का प्रभाव :- मान्यता देकर पत्र प्रतिनिधि का कोई सरकारी स्तर निर्धारित नहीं किया जाता है। सरकार पत्र-प्रतिनिधि को केवल संबंधित समाचार पत्र अथवा प्रेस एजेन्सी के प्रतिनिधि के रूप में मान्यता प्रदान करती है। अत: उसे अपने ‘‘विजिटिंग कार्ड’’ और ‘‘लेटर हेड’’ पर ‘‘उत्तरांचल सरकार से मान्यता प्राप्त’’ आदि विवरण प्रकाशित नहीं कराना चाहिए।
14. मान्यता व्यक्तिगत :- मान्यता व्यक्ति विशेष को प्रदान की जाती है अत: उसे हस्तान्तरित नहीं किया जा सकता ।
15. प्रेस प्रतिनिधिओं के लिए पास :- मान्यता प्राप्त प्रतिनिधियों को एक प्रेस कार्ड दिया जायेगा, जिस पर प्रेस प्रतिनिधि का पासपोर्ट आकार का चित्र रहेगा। मान्यता कार्ड का उपयोग सामान्यत: सरकार अथवा किसी अधिकृत सरकारी अधिकारी कार्यालयों में प्रवेश के लिए किया जायेगा । इस कार्ड से उन विशेष आयोजनों में प्रवेश नहीं किया जा सकेगा जिनमें प्रवेश के लिए विशेष निमन्त्रण पत्र अथवा सुरक्षा पास ( सिक्योरिटी पास ) जारी किये जाते हैं।

16. मान्यता प्राप्त प्रेस प्रतिनिधियों की सूची :- निदेशक के कार्यालय में मान्यता प्राप्त प्रतिनिधियों की एक सूची रहेगी ।

17. मान्यता प्राप्त प्रेस प्रतिनिधियों की सूची का पुनरीक्षक :- मान्यता प्राप्त प्रेस प्रतिनिधियों की सूची का समिति समय - समय पर पुनरीक्षण करेंगी । पुनरीक्षण सामान्त छ: महीने में एक बार किया जायेगा ।

18. मान्यता का वापस लिया जाना , निम्नलिखित परिस्थितियों में मान्यता वापस ली जा सकती है
      क. यदि कोई मान्यता प्राप्त-प्रतिनिधि उपलब्ध सूचनाओं और सुविधाओं का उपयोग पत्रकारिता के अतिरिक्त विज्ञापन अथवा अन्य कार्यो के लिए   
              करता है ।
      ख.  मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि के गैर पत्रकारिता गतिविधियों में रत होने या अशोभनीय आचरण करने की दशा में मान्यता निलम्बित या वापस ली जा सकती हैं ।
      ग.  यदि मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि अपने अथवा अपने संगठन के बारे में झूठी सूचना देते पाया जाता है और यदि उसे अपने बचाव का उचित अवसर देने के बाद समिति को यह संतोष हो जाता है कि आरोप सही है तो मान्यता निलम्बित या वापस ली जा सकती है ।
      i. उपरोक्त आधार पर मान्यता समाप्त करने से पूर्व संबंधित पत्र-प्रतिनिधि को कारण बताओं नोटिस दिया जायेगा और उससे प्राप्त उत्तर या एक निर्दिष्ट अवधि में उत्तर प्राप्त न होने पर मामले के अन्य उपलब्ध तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अन्तिम निर्णय लिया जायेगा ।
      ii. पत्र प्रतिनिधि यदि समिति के समक्ष व्यक्तिगत रूप से अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहे तो आवश्यकतानुसार उसे इसका अवसर दिया जायेगा ।

19. मान्यता का पुनरीक्षण
     1. पत्र प्रतिनिधियों को जिन परिस्थितियों में मान्यता दी गयी है उनमें यदि कोई भी परिवर्तन आ जाये जिनके आधार पर मान्यता पुनरीक्षण आवश्यक हो जाए तो सामान्य पुनरीक्षण के समय अथवा किसी भी समय संबंधित पत्र प्रतिनिधि की मान्यता के विषय में समिति अपने विवेक का प्रयोग करते हुए निश्चिय करेगी ।
      2. समिति को पुनरीक्षण के लिए संबंधित पत्र प्रतिनिधि / समाचार पत्र / समाचार समिति से कोई भी सूचना प्राप्त करने का अधिकार होगा। निर्धारित अवधि के भीतर सूचना न प्राप्त होने पर संबंधित पत्र- प्रतिनिधि की मान्यता समाप्त की जा सकती है ।

20 मान्यता की समाप्ति

     1. समाचार पत्र आदि छोड़ने पर मान्यता की समाप्ति यदि कोई मान्यता प्राप्त पत्र-प्रतिनिधि अथवा फोटोग्राफर संबंधित समाचार-पत्र, समाचार एजेन्सी, फोटो एजेन्सी, ब्रॉडकास्टिंग संस्थान अथवा टेलीविजन का प्रतिनिधित्व छोड़ता है तो पत्र प्रतिनिधि, संपादक अथवा एजेन्सी या ब्यूरो के मैनेजर द्वारा इसकी लिखित सूचना अविलम्ब अधिशासी निदेशक को दी जानी चाहिए । इस स्थिति में मान्यता स्वत: ही समाप्त मानी जायेगी ।
     2. किसी समाचार पत्र का प्रकाशन बन्द होने या संवाद समिति बन्द होने पर उसके प्रतिनिधि को शासन द्वारा प्रदत्त मान्यता स्वत: रद्द हो जायेगी।

21.मुख्यालय में लगातार अनुपस्थिति - यदि मान्यता प्राप्त पत्र प्रतिनिधि मुख्यालय से लगातार तीन महीने तक बाहर रहता है तो उसकी मान्यता अधिशासी निदेशक द्वारा अध्यक्ष की अनुशंसा से समाप्त की जा सकती है परन्तु वह कार्यवाही संबंधित समाचार - पत्र, समाचार एजेंसी के सम्पादक. मैनेजर जैसी स्थिति हो, से पूछकर ही की जायेगी | वह अवधि संबंधित संपादक और मैनेजर के लिखित अनुरोध पर तीन मास और बढ़ाई जा सकती है |

22. निर्णय के विरूद्ध प्रत्यावेदन समाचार पत्र एजेन्सी और पत्र प्रतिनिधि इन नियमों के अर्न्तगत लिए गये किसी भी निर्णय के विरूद्ध शासन को प्रत्यावेदन, संबंधित समाचार-पत्र, एजेन्सी अथवा पत्र प्रतिनिधि को निर्णय प्राप्त होने के दो मास के भीतर शासन के पास पहॅुंचा देना चाहिए संबंधित व्यक्ति या संगठन को स्पष्टीकरण का पूरा अवसर देने के पश्चात समिति के परामर्श से शासन जो निर्णय लेगा वह अन्तिम माना जायेगा ।

23.समीक्षा एवं पुनर्विचार समीक्षा के लिए वितरण संख्या राजस्व आदि के बारे में सूचना मांगी जा सकती है तथा माध्यम प्रतिनिधि से प्रकाशित समाचारों अथवा चित्रों या संबंधित समाचार-माध्यम, संगठनों को ‘‘डोपसीट’’ उपलब्ध कराने के लिए कहा जा सकता है ।

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