प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को देहरादून के झाझरा स्थित विज्ञान धाम में आर्थोटिक एवं प्रोस्थैटिक एसोशियेसन आॅफ इण्डिया (व्च्।प्) द्वारा आयोजित 3 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन मिडकाॅन 2017 का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। देश के विभिन्न भागों से आए प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि दिव्यांगजनों के लिये कार्य करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। यह संवेदनाओं से जुड़ा हुआ सवाल है। दिव्यांगजनों को वरीयता मिलनी चाहिए। दिव्यांगजनों के कल्याण के लिये गम्भीरता से कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति देश में हो रहे शोध कार्यों पर निर्भर करती है। यह शोध कार्य नहीं रूकने चाहिए। हमारे देश का आयुर्विज्ञान उच्चकोटि का था परन्तु कालान्तर में हम इसमें पिछड़ गए। हमें इस ओर प्रयास करने होंगे। राज्य के उत्पाद एवं औषधीय पौधे बेहतरीन किस्म के हैं इन पर शोध कार्य होते रहने चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यूकास्ट के महानिदेशक डाॅ राजेन्द्र डोभाल के दिव्यांगों हेतु किये जा रहे प्रयासों के लिये सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिव्योंगों के सहयोग हेतु हर सम्भव प्रयास किये जाएंगे।
कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि प्रोस्थेैटिक एवं आर्थोटिक्स चिकित्सा विज्ञान की वह शाखा है जिसमें दिव्यांगजन के शारीरिक पुनर्वास को सुनिश्चित किया जाता है। अतः यह शारीरिक पुनर्वास के क्षेत्र में आधुनिक उपचार के नये आयाम हैं, जो आर्थोपिडिक एवं न्यूरोमस्क्यूलर विकारों एवं कमियों के साथसाथ जन्मजात, विकृतियों और दुर्घटना में अंग विच्छेद के पुनर्वास में अग्रणी एवं महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस क्षेत्र में रोबोटिक्स एक अभूतपूर्व कदम है जो निश्चित रूप से आने वाले समय में इस क्षेत्र में एक क्रांति को जन्म देगा एवं दिव्यांग जन के जीवन को सरल एवं सुगम बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने स्मारिका व्च्।प् डप्क्ब्व्छ 2017 एवं यूकोस्ट की काॅफी टेबल बुक का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर विधायक श्री गणेश जोशी, श्री सहदेव सिंह पुण्डीर, अध्यक्ष व्च्।प् नीरज सक्सेना, सचिव व्च्।प् डाॅ. ए. पात्रा एवं देश के विभिन्न भागों से आए प्रतिभागी उपस्थित थे। |